नई दिल्ली– विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेशन का कहना है कि दुनिया को कोरोना वायरस से कई वर्ष तक लड़ना होगा। विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस सर्दी के महीनों में फिर लोगों को चपेट में ले सकता है। इसे देखते हुए भारत, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और अमेरिका समेत कई देशों ने कोरोना से लंबी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है।
भारत में वैक्सीन नहीं बनी तो सर्दियों में हर दिन 2.87 लाख नए मामले
कुछ विशेषज्ञ कह रहे हैं कि भारत में सर्दी के मौसम में ही कोरोना सबसे ज्यादा तबाही मचाएगा। वैज्ञानिकों कहना है कि सर्दियों में आने वाली कोरोना की दूसरी लहर, पहले वाली से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। हमें ये देखना होगा कि ठंडे या कम तापमान में वायरस कैसा व्यवहार करेगा।
अमेरिका की प्रतिष्ठित मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने रिसर्च के बाद एक ऐसा दावा किया है जो भारत के साथ ही दुनिया के कई और देशों के लिए डराने वाला है। एमआईटी के शोधकर्ताओं के अध्ययन मॉडल में कहा गया है कि अगर समय रहते कोरोना वायरस की वैक्सीन नहीं बनी तो भारत में 2021 की सर्दियों में हर दिन 2. 87 लाख नए मामले सामने आएंगे। अगर ऐसा हुआ तो लगभग पूरा देश कोरोना की चपेट में आ जाएगा।
ब्रिटेन के भी कहा सर्दियों के लिए रहें तैयार
ब्रिटेन की ‘अकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस’ की भी कुछ ऐसी ही राय है। अकेडमी ऑफ मेडिकल साइंस के एक्सपर्ट का कहना है कि साल 2021 के जनवरी-फरवरी महीने में हालात ठीक वैसे ही होंगे, जैसे साल 2020 की शुरुआत के वक्त पहली लहर में देखने को मिले थे।
ब्रिटेन के चीफ मेडिकल ऑफिसर क्रिस व्हिट्टी ने कहा कि हम लोग किसी वैक्सीन के भरोसे नहीं बैठ सकते। खासतौर पर जिसके आगामी सर्दियों तक विकसित होने का दावा किया जा रहा है। यह सोचना मूर्खता है कि इस साल सर्दियों तक हमें वैक्सीन मिल जाएगी। इसलिए हमें अगली सर्दियों तक तैयार रहना चाहिए।