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जानिए IPL टीमें कैसे कमाती हैं अरबो रुपए ?, सिर्फ 20 करोड़ है विनिंग प्राइस

Rahul Dravid ने बताया आईपीएल में अलग रहती है टीम इंडिया की भूमिका
Rahul Dravid ने बताया आईपीएल में अलग रहती है टीम इंडिया की भूमिका

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) एक ऐसी लीग है, जहां अलग-अलग देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेते है। बता दें हर सीज़न दुनियाभर के खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन दिखाते है, तो वहीं इस मंच से युवा खिलाड़ियों की किस्मत चमक जाती है। दरअसल हाल ही में समाप्त हुए IPL के 15वें एडिशन में गुजरात टाइटंस ने ट्रॉफी अपने नाम की और खिताब जीतने वाली इस टीम का प्राइज 20 करोड़ रुपए रहा जिसकी कीमत सुनकर आम-आदमी हैरान रह गया। लेकिन, एक फ्रेंचाइजी के लिए इस 20 करोड़ की रकम मायने रखती है या नहीं आइये इस आर्टिकल के जरिए बताते है?

IPL में इस तरह से कमाई करती है सभी टीमें?

जानिए Ipl टीमें कैसे कमाती हैं अरबो रुपए ?, सिर्फ 20 करोड़ है विनिंग प्राइस

दरअसल आईपीएल (IPL) दुनिया की सबसे बड़ी लीग है, जिसमें सभी देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेते है और अपने हुनर और काबितयत से पूरे देश में अपनी एक अलग पहचान बना लेते है। लेकिन इन टीमों की कमाई काफी चर्चा का विषय रहता है। लोगों को ये जानने की काफी बेताबी रहती है कि आखिर ये सभी टीमें आईपीएल में इतने पैसों की कमाई कैसे करती है।

आपको बता दें IPL के पिछले सीजन में सबसे सस्ती टीम ब्रैंड वैल्यू के लिहाज से राजस्थान रॉयल्स थी। इस टीम की ब्रेंड वैल्यू 250 करोड़ रुपए थी। वहीं महेंद्र सिंह धोनी की टीम CSK की ब्रैंड वैल्यू तकरीबन 2700 करोड़ रुपए है। ऐसे में ये सोचने वाली बात होगी कि आखिर ये 20 करोड़ रुपए का विनिंग प्राइज क्या मायने रखता है? आइये बताते है इस बारे में-

बता दें IPL को कैश रिच लीग के नाम से भी जाना जाता है। यानी एक ऐसी लीग जिसमें खिलाड़ियों पर जमकर पैसों की बरसात की जाती है। आईपीएल का बिजनेस मॉडल किस तरह से वर्क करता है इसके बारे में  अगर बात करें तो बता दें  इस टूर्नामेंट में पैसों का असली खेल मैदान के बाहर चलता है। आईपीएल की गवर्निंग बॉडी BCCI है, जो इसे पूरी तरह से कंट्रोल करती है।

सबसे ज्यादा स्पॉन्सर्स से कमाई करती है BCCI

जानिए Ipl टीमें कैसे कमाती हैं अरबो रुपए ?, सिर्फ 20 करोड़ है विनिंग प्राइस

इस तस्वीर में जो पिलर नजर आ रहे है इससे आपको बताएंगे कि कैसे आईपीएल (IPL) में रेवन्यू जनरेट किए जाते है। बता दें सबसे पहला पिलर है ब्रॉडकस्टर यानी जिस चैनल पर इसे आप लाइव टेलिकास्ट देख पाते है। वहीं दूसरा पिलर है आईपीएल ओनर मतलब वो बड़ी-बड़ी प्राइवेट कंपनी जो इस लीग से जुड़ी टीमों को मोटी रकम देकर खरीदती हैं और तीसरा है स्पॉन्सर जो ज्यादातर प्राइवेट कंपनी करती हैं और एड टीवी चैनल्स को देती हैं।

जब भी मोटी रकम कमाने की बात होती है, तो सबसे पहले बात होती है स्पॉन्सर की, जिनकी बदौलत मोटी रकम कमाई जाती है। बता दें स्पॉन्सर भी 2 तरह के होते हैं जिसमें टाइटल स्पॉन्सर सबसे खास है। इसका उदाहरण है टूर्नामेंट को टाटा लीग का नाम देना। यानी टाटा ने टाइटल स्पॉन्सर बनने के लिए जमकर पैसे लुटाए हैं। इस साल टाटा ने स्पॉन्सर के लिए 330 करोड़ रुपए स्पेंट किया। बता दें  इन टाइटल स्पॉन्सर से जो पैसा बीसीसीआई को मिलता है वो इसका 50% खुद रखता है बाकी के 50% टीमों को दे देता है।

80% रेवन्यू होम ग्राउंड टीम को मिलता है

जानिए Ipl टीमें कैसे कमाती हैं अरबो रुपए ?, सिर्फ 20 करोड़ है विनिंग प्राइस

बता दें आईपीएल (IPL) के सभी मैच स्टेडियम में खेले जाते है और उसकी होम टीम के पास 80% रेवन्यू दिया जाता है। आपको डिटेल में बताते है, जैसे वानखेड़े स्टेडियम में मैच आयोजित किया जा रहा है तो टिकट का 80% पैसा मुंबई इंडियंस के पास दिया जाता है। बाकी 20% होम स्टेट क्रिकेट एसोसिएशन के खाते में चला जाता है। जो आंकलन किया गया है उसके आधार पर देखें तो एक मैच से IPL टीम तकरीबन 4 करोड़ रुपए टिकट से कमाती है। इसके अलावा मर्चेंडाइज जैसे टीशर्ट बेचकर भी फ्रेंचाजियां कमाई करती हैं।

टीम की जर्सी पर बने LOGO से होती है कमाई

जानिए Ipl टीमें कैसे कमाती हैं अरबो रुपए ?, सिर्फ 20 करोड़ है विनिंग प्राइस

दरअसल आईपीएल (IPL) में खिलाड़ियों पर फ्रेंचाईजी जमकर बोली लगाते हुए उन्हें अपने खेमे में शामिल करती है। तो वहीं प्लेयर की सैलरी देने से लेकर ट्रेनिंग तक का खर्चा आईपीएल टीम ही उठाती है। कुल मिलाकर एक फ्रेंचाइजी का हर साल खर्चा तकरीबन 200 करोड़ रुपए तक पहुंच जाता है। बीसीसीआई के साथ ये भले ही 50-50 की साझेदारी कर कमाई करती हैं। लेकिन, इनके लिए इतना पैसा काफी नहीं होता है।

ऐसे में टीमें और कहां से कमाई करती हैं इसके बारे में भी आपको बता देते हैं। फ्रेंचाइजी स्पॉन्सर जो IPL टीम की जर्सी पर दिखाई देते हैं। अगर देखा देखा जाए तो कम से कम एक जर्सी पर 10 टीम स्पॉन्सर के LOGO लगे होते हैं। ये ब्रेंड सीधे इंडियन प्रीमियर लीग की टीमों को ही पैसे देते हैं।

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