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हिन्दू मुस्लिम एकता की मिशाल: हनुमान मंदिर के लिए एक मुसलमान ने दान दे दी अपनी जमीन

मुसलमान

मुसलमान ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी करोड़ो की जमीन दान कर दी है. आपने बिल्कुल सही सुना बेंगलुरु में एक छोटे से मंदिर में हिन्दुओं की परेशानी को देखते हुए एक मुसलमान ने अपनी करोड़ो की जमीन दान में दे दीं. आजकल हम जब भी सोशल मीडिया को इस्तेमाल करते हैं, तो हमें एक ना एक पोस्ट तो मिल ही जाती है, जिसमें हिन्दू-मुस्लिम में नफरत फ़ैलाने का काम किया जा रहा हों.

लेकिन समाज में कुछ ऐसे लोग आज भी मौजूद हैं, जो इस तरह की नफरत को फैलने से तो रोकते ही हैं साथ ही हिन्दू-मुस्लिम एकता को मजबूत बनाने का काम भी कर जाते हैं. आज हम आपके लिए एक ऐसी ही सच्ची दास्तान लेकर आये हैं, जिसमें एक मुस्लिम शख्स ने एक हिन्दू मंदिर के लिए अपनी करोड़ो की जमीन दान करके हिन्दू-मुस्लिम एकता को फिर से मजबूती देने का काम किया है. आइये जानते हैं इस हिन्दु-मुस्लिम एकता के संदेश देने वाले शख्स के बारे में…..

बेंगलुरु के हनुमान मंदिर का है मामला

दरअसल मामला बेंगलुरु के मायलापूरा इलाके का है, जहां एक हनुमान मंदिर में जगह की कमी के चलते हिन्दुओं को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था. मंदिर में अक्सर लोगों को पूजापाठ के दौरान लाइन लगानी पड़ जाती थी. इस परेशानी को दूर करने के लिए मंदिर कमेटी ने मंदिर का पुनर्निर्माण करने बारे में योजना तो बनाई, लेकिन पर्याप्त जगह ना हो पाने के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका.

बाशा ने समझी हिन्दुओं की परेशानी

बाशा नामक शख्स काडूगाडी इलाके में रहते हैं, जो कार्गो का व्यापार करते हैं. उनके पास मायलापूरा में मंदिर के एकदम बराबर में करीब 3 एकड़ जमीन है. बाशा को जब लोगों को पूजापाठ में हो रही परेशानी के बारे में पता लगा तो, उन्होंने मामले को सज्ञान में लेते हुये मंदिर के पास अपनी 3 एकड़ जमीन को दान करने का फैसला लिया.

बाशा ने मंदिर कमेटी से संपर्क किया और मंदिर के पास अपनी 3 एकड़ जमीन को मंदिर के पुनर्निर्माण के लिए दान करने की पेशकश की. मंदिर कमेटी को बाशा का ये सुझाव बहुत पसंद आया और उन्होंने ने उनकी इस पेशकश को स्वीकार कर लिया.

इसके साथ ही श्री वीरांजनेयास्वामी देवालय सेवा ट्रस्ट ने मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू कर दिया है. कमेटी का कहना है कि जल्द ही मंदिर बन कर तैयार हो जायेगा. बाशा के इस नेक कार्य के चलते मंदिर परिसर में उनके इस दानवीरता के लिए तारीफों से सजे पोस्टर भी लगाये गए  हैं.

हम सलाम करते है बाशा की इस सोच को इसके साथ ही हम उनकी दीर्घायु की मंगल कामना करते हैं.

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