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राहुल गांधी ने गिनाये कृषि कानून के नुकसान, कहा मै नहीं चाहता किसान 1 इंच भी पीछे हटें

राहुल गांधी

कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों से देशभर में मंडी सिस्टम खत्म हो जाएगा, जिससे देशभर में कालाबाजारी बढ़ेगी और किसानों को नुकसान होगा।

राहुल गांधी ने कहा, “प्रधानमंत्री पांच लोगों के लिए काम करते हैं उनके लिए नोटबंदी की, उनके लिए जीएसटी लाए। किसान विरोधी बिल लाए। मैं किसानों से कहना चाहुंगा कि आप एक इंच भी पीछे मत हटिए। हम आपके साथ हैं। आपका जो भविष्य चोरी करना चाह रहे हैं, आप वो मत करने दीजिए”।

राहुल गांधी ने गिनाए कृषि कानूनों के तीन नुकसान

 

उन्होंने कहा, “ये जो तीन कानून हैं इन्हें समझने की ज़रूरत है। पहला कानून बाजार प्राणाली और मंडी सिस्टम को खत्म कर देगा। दूसरा कानून देश के गिने-चुने बड़े व्यापारियों को जितना चाहें अनाज जमा करने की इजाज़त देगा। तीसरा कानून किसानों को कोर्ट का रास्ता अख्तियार करने का हक नहीं देता है।

राहुल गांधी ने कहा कि जिस तरह से सरकार किसानों के साथ पेश आ रही है ये पूरी तरह एक आपराधिक कार्य है, वो उन्हें पीट रही है धमका रही है। सरकार को ये क़ानून रद्द करने चाहिए। किसानों से सरकार को बात करनी चाहिए, और समाधान निकालना चाहिए। सरकार को ये नहीं सोचना चाहिए कि किसान घर जा रहे हैं।

किसानों को लालकिले के अंदर किसन जाने दिया

गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा को लेकर भी राहुल गांधी ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि “ लालकिले के अंदर जो लोग गए, उसके लिए कौन ज़िम्मेदार है? गृहमंत्री से जाकर पूछिए इसके पीछे क्या आइडिया था। क्या इसे रोकने का काम गृहमंत्रालय नहीं है।

उन्होंने कहा, “ये आंदोलन रुकेगा नहीं, यह अब गांव से शहरों की ओर जाएगा। मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहना चाहता हूं कि वो बात कर के  समाधान निकालें, नहीं तो देश को नुकसान होगा। यह आंदोलन बाकी प्रदोशों में भी जाएगा, आप इसे दबा नहीं सकते”।

कृषि कानूनों को बताया चोरी

उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा, “आपके घर में चोर घुसेगा तो क्या आप नहीं बोलेंगे, तो किसान क्यों चुप रहेंगे। ये चोरी सिर्फ किसानों के साथ नहीं हो रही है बल्कि ये मज़दूरों और छोटे व्यापारियों के साथ भी हो रही है”।

कानूनों को चोरी बताते हुए उन्होंने कहा कि ये जो हो रहा है वो चोरी है, और कुछ नहीं। हम भी इस बात पर सहमत हैं कि कृषि क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता है लेकिन ज़बरदस्ती से नहीं।

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