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आर्मी में होकर एक दिन ड्यूटी नहीं करते हैं ये 3 भारतीय क्रिकेटर, लेकिन सैलरी के नाम पर ले रहे हैं लाखों

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Indian Army: भारतीय सेना (Indian Army) और वायुसेना (Air Force) में कुछ ऐसे नामचीन क्रिकेटरों को बड़ी रैंक पर नियुक्त किया गया है, जिनकी मासिक सैलरी स्केल 1 लाख से 2 लाख रुपये तक बताई जाती है।

इन रैंकों में ग्रुप कैप्टन और लेफ्टिनेंट कर्नल जैसी प्रतिष्ठित उपाधियाँ शामिल हैं, जिन्हें पाकर आम नागरिक गर्व से भर उठते हैं। लेकिन जब इन्हीं पदों पर बैठे क्रिकेटर मैदान पर तो दिखते हैं, पर आर्मी की ड्यूटी पर नहीं, तो सवाल उठना लाजिमी है।

धोनी को Indian Army में मिली है लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक

महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय सेना (Indian Army) में ‘टेरीटोरियल आर्मी’ के तहत लेफ्टिनेंट कर्नल की मानद उपाधि दी गई थी। उन्होंने 2015 में पैरा फोर्सेस के साथ बेसिक ट्रेनिंग पूरी की और पैराशूट से कूदने की भी ट्रेनिंग ली थी।

इसके बावजूद, उन्हें भारतीय सेना (Indian Army) में इस पद के लिए कोई सैलरी नहीं मिलती क्योंकि यह एक मानद (Honorary) रैंक है। यह सम्मान उन्हें खेल में उनकी उपलब्धियों के लिए दिया गया था, न कि नियमित सेवा के लिए।

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सचिन तेंदुलकर हैं वायुसेना के ग्रुप कैप्टन

क्रिकेट के महान बल्लेबाज़ सचिन तेंदुलकर को 2010 में भारतीय वायुसेना द्वारा ग्रुप कैप्टन की मानद रैंक दी गई। इस रैंक की सैलरी स्केल लगभग 1.3 लाख से 2.15 लाख रुपये के बीच होती है, लेकिन तेंदुलकर को इसके बदले में कोई भुगतान नहीं किया जाता।

कपिल देव को भी मिला भारतीय सेना से सम्मान

1983 में भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाले कपिल देव को भी भारतीय सेना (Indian Army) में ‘लेफ्टिनेंट कर्नल’ की मानद रैंक से सम्मानित किया गया है। इस रैंक पर नियमित अफसर को 2 लाख तक सैलरी मिलती है, लेकिन कपिल देव को किसी भी तरह की सैलरी नहीं दी जाती।

उन्हें भारतीय सेना (Indian Army) से यह उपाधि क्रिकेट में उनके योगदान और राष्ट्रीय गौरव बढ़ाने के लिए दी गई है, न कि सैन्य सेवा के लिए। इन क्रिकेटरों को जो उपाधियाँ दी गई हैं, वे पूरी तरह से ‘मानद’ हैं।

भारतीय सेना (Indian Army) से मिले ‘मानद’ सम्मान का अर्थ है. सिर्फ सम्मान, न कि कोई ड्यूटी या वेतन। सोशल मीडिया और कुछ रिपोर्ट्स में जो सैलरी की चर्चा होती है, वह सिर्फ उस रैंक की संभावित सरकारी स्केल होती है, न कि इन खिलाड़ियों की वास्तविक आमदनी।

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