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मकर संक्रांति पर आंध्र प्रदेश में होने जा रहा है मौत का घिनौना खेल, मुर्गों को दी जा रही शिलाजीत और वियाग्रा जैसी दवाएं

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Makar Sankranti: भारत में मकर संक्रांति (Makar Sankranti) का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। लोग इस दिन तिल और गुड़ से बनी चीजों का दान करते हैं। वहीं मकर संक्राति को लेकर आंध्रप्रदेश में भी बड़े स्तर पर तैयारियां चल रही हैं। आंध्र प्रदेश में मकर संक्राति के अवसर पर मुर्गों की लड़ाई होती है। इस लड़ाई को देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से कई लोग आते हैं। लेकिन आंध्र प्रदेश में मकर संक्राति से पहले मुर्गे एक खास प्रकार की बीमारी से जूझ रहे हैं।

मुर्गों को दी जा रही शिलाजीत और वियाग्रा जैसी दवाएं

मकर संक्रांति (Makar Sankranti) के मौके पर आंध्र प्रदेश में होने वाली मुर्गों की लड़ाई की प्रतिस्पर्धा की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। इस अवैध प्रतियोगिता में करोड़ों रुपये की सट्टेबाजी भी होती है, लेकिन इस बार कंप्टीशन में हिस्सा लेने वाले मुर्गों की सेहत खराब हो गई है। क्योंकि राज्य के पोल्ट्री इंडस्ट्री में वायरल बीमारी रानीखेत के फैलने से मुर्गे कमजोर पड़ गए हैं और इनको ताकतवर बनाने के लिए मुर्गे के मालिक वियाग्रा और अन्य स्टेरॉयड-युक्त दवाएं देकर उनके जोश को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। इस कारोबार से जुड़े कई एंटरप्रेन्योर ब्रीडस मुर्गों को शिलाजीत, वियाग्रा 100 और विटामिन खिलाकर ताकतवर बनाने का रास्ता अपना रहे हैं। हालांकि इन दवाओं के सेवन से मुर्गों में ताकत थोड़े समय के लिए आ जाएगी। लेकिन ये उनके स्वास्थय के लिए बेहद खतरनाक है।

Makar Sankranti पर लगता है करोड़ों रुपये का  सट्टा

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल मकर संक्रांति (Makar Sankranti) 15 जनवरी को है। इस खास त्योहार को लेकर आंध्र प्रदेश के आंतरिक क्षेत्रों में हजारों अवैध मुर्गों की लड़ाई के अखाड़े खुल गए हैं। इन अखाड़ों में ट्रेंड मुर्गे मौत की लड़ाई में लगे रहते हैं। इस आयोजन में लोगों की बड़ी भागीदारी भी नजर आती है। मुर्गों की लड़ाई के दौरान देखने आने वाले दर्शक करोड़ो रुपए का सट्टा लगाते हैं। इस दौरान करोड़ो रुपए का लेनदेन होता है। लड़ाई में मुर्गे किसी से कम नहीं पड़े इसके लिए उन्हें वियाग्रा और शिलाजीत खिलाया जा रहा है। इस प्रकार का प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल है कि क्या वास्तव में विटामिन और स्टेरॉयड देने से मुर्गों में ताकत आएगी।

2018 में सुप्रीम कोर्ट ने लगा दिया था बैन

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुर्गों की लड़ाई आंध्र प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में मकर संक्रांति उत्सव (Makar Sankranti) का एक अभिन्न हिस्सा माना जाता है। आयोजकों की तरफ से इस दिन पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी, गुंटूर और कृष्णा जिलों में बड़े स्तर पर मुर्गों की लड़ाई की प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है। बता दें कि मुर्गे की लड़ाई पर करोड़ो रुपये का कारोबार होता है। हालांकि इस मेले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 2018 में इसको प्रतिबंधित कर दिया गया था। बावजूद इसके अवैध तरीके से आंध्र प्रदेश के कई हिस्सों में इसका आयोजन किया जाता रहा है।

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