बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत पिछले कुछ महीनों से लगातार शिवसेना को खटक रही हैं। इसके बाद अब सोनू सूद भी इसी निशाने पर आ गए हैं। कंगना रनौत के जैसे ही अब सोनू सूद के खिलाफ एक अवैध निर्माण को लेकर बीएमसी ने कार्यवाही शुरू कर दी है। लॉकडाउन के दौरान गरीब मजदूरों की मदद करने वाले सोनू सूद पर आरोप लगाते हुए बीएमसी का कहना है कि, उन्होंने रिहायशी इमारत को बिना किसी इजाजत के होटल में तब्दील किया है।
जुहू में स्थित छह मंजिला इस रिहायशी इमारत को होटल में बदलने का आरोप लगाते हुए सोनू सूद को नोटिस भेज दिया गया है। फिलहाल मामले को लेकर कोई भी एफ आई आर दर्ज नहीं हुई है। पुलिस ने कहा है कि, शुरुआती जांच शुरू कर दी है, इसके बाद ही कोई F.I.R. दर्ज हो सकेगी।
जानिए पूरा मामला
कोरोना काल के दौरान हुए अचानक लॉकडाउन के बाद अभिनेता सोनू सूद ने कई प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाया था। जिसके बाद उन्हें मजदूरों का मसीहा भी कहा जाने लगा। लॉकडाउन के बाद चर्चा में आए सोनू सूद ने जारी किए गए नोटिस का जवाब देते हुए कहा कि, उन्होंने बीएमसी से यूजर चेंज की पहले ही इजाजत मांगी थी और महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी की तरफ से परमिशन मिलने की प्रतीक्षा भी कर रहे थे।
कोवीड 19 के कारण कोस्टल जोन अथॉरिटी की तरफ से उन्हें इजाजत नहीं मिल पाई थी। अभिनेता अब किसी भी अनियमितता की बात को और लगाए गए आरोपों से साफ इंकार कर रहे हैं।
पहले भी जारी किया गया था नोटिस
खबरों के मुताबिक अभिनेता सोनू सूद को पहले भी बीएमसी की तरफ से नोटिस जारी किया गया था, लेकिन सोनू सूद ने इसका कोई जवाब नहीं दिया था। सोनू सूद ने बीएमसी की तरफ से मिले नोटिस को जवाब ना देते हुए निर्माण कार्य जारी रखा। 27 अक्टूबर को जारी किए गए इस नोटिस का सोनू सूद को 1 महीने के अंदर ही जवाब दाखिल करवाना था, लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ भी नहीं किया, ना तो कोई भी प्रतिक्रिया दी।
इसके बाद उन्हें 4 जनवरी को एक बार फिर से नोटिस जारी किया गया। सोनू सूद की तरफ से कोई भी जवाब नहीं मिलने के बाद बीएमसी ने पुलिस से अनुरोध किया कि, सोनू सूद पर महाराष्ट्र रीजन एंड टाउन प्लानिंग के तहत एक्शन लिया जाए। बीएमसी की तरफ से लिए गए एक्शन को लेकर अब कंगना रनौत की ही तरह सोनू सूद की मुश्किलें भी बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं।
शिवसेना को भी पसंद नहीं आए सोनू सूद के कार्य
वहीं अगर बात की जाए शिवसेना की तो अब सोनू सूद शिवसेना को भी बिल्कुल भा नही रहे हैं। लॉकडाउन के शुरुआत समय में ही जब सोनू सूद ने लोगों की सहायता कर सभी का दिल जीत लिया था, तो उन्हें बीजेपी का प्यादा कहा जाने लगा था। सोनू सूद ने महाराष्ट्र और मुंबई में फंसे हुए कई मजदूरों को प्राइवेट बस से उनके घर तक पहुंचाया था। इसके बाद लोग उन्हें भगवान मानने लगे थे।
इसी बीच सोनू सूद को लेकर काफी आलोचनाएं भी की, गई लेकिन वह नहीं रुके। एक तरफ सोनू सूद के सराहनीय कार्यों की चर्चा हो रही थी। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष सरकार के आरोप भी महाराष्ट्र सरकार को खटक ने लगे।
संजय राउत ने कंगना के साथ-साथ सोनू सूद पर भी निशाना साधा था। उन्होंने बीजेपी सरकार पर हमला करते हुए कहा था कि, भारतीय जनता पार्टी अभिनेता सोनू सूद का इस्तेमाल कर रही है।
फिलहाल सोनू सूद ने आलोचनाओं के बाद यह साफ कह दिया था कि, वह किसी भी राजनीतिक दल की तरफ से प्रेरित नहीं हुए हैं। ना तो उनका इस्तेमाल किया जा रहा है। वह प्रवासी मजदूरों की सहायता सिर्फ इंसानियत के नाते ही कर रहे हैं।