Akashdeep : एजबेस्टन के मैदान पर जब भारत ने इंग्लैंड को 336 रनों से रौंदा, तो स्कोरबोर्ड से ज़्यादा आंखें नम थीं। आकाश दीप (Akashdeep), एक ऐसा नाम जो इस जीत का हीरो बना, लेकिन उसके पीछे छुपा था एक जज़्बाती संघर्ष, एक भाई का प्यार।
बहन कैंसर से लड़ रही थी, और भाई गेंदबाज़ी से मैदान पर दुश्मनों को पछाड़ रहा था। जब उन्होंने 10 विकेट पूरे किए, तो न सिर्फ फैंस की आंखें भर आईं, बल्कि खुद आकाशदीप भी भावुक हो उठे…..
बहन की बीमारी बनी ताकत! आकाशदीप का 10 विकेट हॉल देख रो पड़े फैंस और खुद खिलाड़ी
गिल-गंभीर का भरोसा, Akashdeep ने कर दिखाया कमाल
भारत ने इंग्लैंड को एजबेस्टन टेस्ट में 336 रनों से हराकर न सिर्फ सीरीज में बराबरी कर ली, बल्कि ऐतिहासिक जीत भी दर्ज की। तेज़ गेंदबाज़ आकाश (Akashdeep), जिन्हें पहले टेस्ट में मौका नहीं मिला था, ने कप्तान गिल और कोच गंभीर का भरोसा जीतते हुए मैच में कुल 10 विकेट लिए।
आकाश दीप (Akashdeep) ने मैच की पहली पारी में 88 रन देकर 4 विकेट और दूसरी पारी में 99 रन देकर 6 विकेट झटके यह उनके टेस्ट करियर का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन साबित हुआ, जिसने भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
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बहन के लिए खेला हर स्पेल, भावुक हुए आकाश दीप
मैच के बाद आकाश दीप ने अपनी सफलता अपनी बड़ी बहन को समर्पित की, जो पिछले दो महीनों से कैंसर से जूझ रही हैं। उन्होंने कहा, “जब भी मैं गेंद थामता था, मेरी बहन की ही याद आती थी। यह प्रदर्शन उनके चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए है। हम सब उनके साथ हैं।”
आकाश दीप ने चौथे दिन दो विकेट लेने के बाद रविवार को मैच का पासा पूरी तरह पलट दिया। उन्होंने ओली पोप, हैरी ब्रुक, जैमी स्मिथ और अंत में ब्रायडन कर्स को आउट कर इंग्लैंड की दूसरी पारी 271 रनों पर समेट दी।आखिरी कैच गिल ने पकड़ा, जिसने जीत को खास बना दिया।
गिल का डबल शतक और पहली एजबेस्टन जीत
शुभमन गिल ने कप्तानी पारी खेलते हुए पहली पारी में 269 और दूसरी में 161 रन बनाए, और ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ बने। यह भारत की एजबेस्टन में पहली जीत थी, जहां अब तक जीत नहीं मिली थी। गिल पहले भारतीय कप्तान बने जिन्होंने इस मैदान पर टीम को जीत दिलाई।
इंग्लैंड की दूसरी पारी 271 रनों पर सिमट गई, जबकि भारत ने उन्हें 608 रनों का विशाल लक्ष्य दिया था। यह एजबेस्टन में भारत की पहली जीत है, जहां टीम ने इससे पहले 8 टेस्ट खेले थे और सबसे अच्छा परिणाम 1986 में कपिल देव की कप्तानी में ड्रॉ रहा था।
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