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अनिल सिंह तोमर हुए शहीद, दो आतंकवादीयों को मार गिराया

अनिल सिंह तोमर

पाकिस्तान से भेजे गये आतंकवादीयों के मंसूबों को निश्तेनाबुत करते हुए, मेरठ का लाल शहीद हो गया. भारत के वीर अनिल सिंह तोमर ने आतकंवादीयों से जमकर मुकाबला किया और 2 आतंकवादियों को मार गिराया. उनकी शहादत पर पूरा मेरठ शहर गम में डूब गया है. जहां उनके घर के साथ पूरा गाँव गम में गमगीन है. सभी को अनिल सिंह तोमर के आखिरी दर्शन का इंतजार हैं, साथ ही अनिल के गाँव वालों के मन में आतंकवाद के आका पाकिस्तान के खिलाफ आक्रोश भर गया है.

मेरठ का लाल हुआ शहीद- अनिल सिंह तोमर

सोमवार को मेरठ के सिसोली गाँव के लाल अनिल सिंह तोमर शहीद हो गये है. इनके पिता का नाम भोपाल सिंह तोमर है, जिनके दोनों बेटे सेना में तैनात थे जिसमें एक बेटे ने देश के लिए फ़र्ज़ निभाते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी. अनिल पुलवामा में ड्यूटी निभाते हुए शहीद हो गए है. एक तरफ जहां उनके पिता को अपने बेटे की शहादत पर गर्व है वही उसको खोने का गम भी है. उन्होंने रोते हुए बताया की उनकी अपने बेटे से 25 दिसम्बर को ही बात हुई थी. जिसमें अनिल ने कहा था कि, पापा में बाद में बात करूँगा और दुबारा फोन नहीं आया. उनका कहना था की उनका बेटा बहुत बहादुर था.

शहीद का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके गाँव पहुचेगा, उनके गाँव वाले नम आंखो से उनके आखिरी दर्शन का इंतजार कर रहे है. शहीद के घरवाले को सांत्वना देने स्थानीय नेता पहुँच गये है. उनके घर में रोने बिलखने की सिसकिया थम नहीं रही है, कभी माँ बेहोश हो जाती है अनिल शहीद की पत्नी जबाब दे जाती है. घरवालों की रोते-रोते आँखे सूज गयी है लेकिन आंसू है की थम ही नहीं रहे.

कहा चले गए अनिल तुम

अनिल तोमर घरवालों को देख हर किसी का कलेजा फटा जा रहा हैं. रिश्तेदार भी मौजूद है लेकिन उनको समझ नहीं आ रहा की नम आँखों से कैसे दिलासा दिलाये. अनिल की माँ के आंसू बार-बार बच्चो और शहीद की बहू को देख कर झलक पड़ते है.उनके घर में बस एक ही आवाज गूंज रही है कि, अनिल तुमको तो घर वालों को किये वादे निभाने थे सबको बीच राह में छोड़ कर चले गए तुम.

शहीद अनिल के 2 बच्चे है, जिसमें बेटा 9 साल का है और बिटिया तान्या को पता है कि उसके सर से बाप का साया उठ चूका है. उनके घर वाले बताते है कि अनिल जब भी घर में आते थे तो बच्चो की पढाई के बारे में पहले पूछते थे, उनका सपना था की उनके बच्चे बड़े होकर अफसर बने.

क्षेत्रीय विधायक गाँव में मौजूद

सोमवार रात से ही क्षेत्रीय विधायक सत्यवीर त्यागी गाँव में ही मौजूद है. साथ ही अनिल के परिवार वालों को हर संभव प्रयास का भरोसा दिलाया है, इसी क्रम में  मेरठ के डीएम ने भी गाँव पहुँच कर उनके घरवालो से भेंट की हैं. जिसके साथ जिलाधिकारी ने उनके परिवारजन से हर संभव मदद का वादा किया है. इस गम भरे माहौल में सेना के उच्च अधिकारी भी अनिल के गाँव पहुँच चुके है.

फरवरी में होने वाले थे रिटायर

आपको बता दें  अनिल सिंह तोमर फरवरी रिटायर होने वाले थे, उन्होंने आगे की जिन्दगी के लिए कई ख्बाब सजा रखे थे. लेकिन इसके बाद उनको प्रमोशन मिल गया और अब अनिल हवालदार बन गये थे, इसलिए उन्होंने मन बदलते हुए अगले चार साल के देश सेवा का फैसला ले लिया था. जिसके बाद उनका ट्रांसफर 18 दिसंबर को पुलवामा में कर दिया गया था. गांव वालों के मुताबिक अनिल 2 महीने के बाद अपने घर आने वाले थे.

HINDNOW.COM अपनी टीम की तरफ से शहीद अनिल सिंह तोमर को भावपूर्ण श्रद्दांजलि देता है. जयहिंद…………

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