अक्सर हमे हमारे जीवन का कोई भी फैसला जल्दबाजी में ले लेते है तो वो ज्यादातर गलत फैसला ही होता है. चाहे वो जीवनसाथी चुनने का फैसला हो या जॉब का फैसला हो जल्दबाजी में किया गया फैसला अक्सर गलत ही होता है. तो आज हम आपको ऐसे ही एक व्यक्ति के बारे में आपको बताने वाले हैं जिन्होनें जल्दबाजी में एक फैसला लिया जिसनें उसकी जिंदगी बदल कर रख दी. एक कहावत भी है “जल्दी का काम सैतान का होता है” यह कहावत एकदम सत्य है. इसलिए हमें कभी भी बिना सोचे-समझे ऐसा कोई भी फैसला नहीं करना चाहिए जिससे उसका नुकसान आगे चल कर हमे इस कदर सहनी पड़े जिसे कभी भी सुधारा नहीं जा सकता हो. तो आज हम जिस व्यक्ति के बारे में आपको बताने वाले हैं उनका नाम रोनाल्ड वेन है.
रोनाल्ड के एक गलत फैसले ने उन्हें कंगाल कर दिया
दरअसल रोनाल्ड वेन एप्पल के तीसरे को फाउंडर हैं. एप्पल की कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी मल्टी-नेशनल कंपनियों में से एक है. रोनाल्ड ने जल्दबाजी में एक ऐसा फैसला ले लिया था, जिसके वजह से वो कंगाल हो गए. रोनाल्ड ने एप्पल कंपनी की शुरुआती दौर में 10% शेयर जिसका मूल्य 800 डॉलर यानि इंडियन करेंसी केवल 52 करोड़ रूपए में बेच दिया जो आज 10% शेयर यानि करीब पांच लाख करोड़ रूपए है. रोनाल्ड ने उस वक़्त बिना सोचे समझे जल्दबाज़ी में शेयर को बेच कर अपने जीवन की सबसे बड़ी भूल की. जिसकी कीमत वो आज भी पछता कर चूका रहे हैं.
रोनाल्ड अपने दो दोस्त स्टीव जॉब्स और स्टीव वॉजनिएक के साथ एप्पल कंपनी की शुरुआत की थी
रोनाल्ड ने अपने 2 और दोस्तों स्टीव जॉब्स और स्टीव वॉजनिएक के साथ मिलकर एप्पल कंपनी की शुरुआत की थी. एप्पल की स्थापना साल 1976 में 1 अप्रैल को हुई थी. बहुत ही छोटे स्तर से कंपनी की शुरुआत एक कंप्यूटर डायरेक्टर के रूप में हुई थी. जो आज पूरी दुनिया का सबसे बड़ा टेक्नोलॉजी कंपनी बन चूका है. इस कंपनी में रोनाल्ड एक ऑर्गैनिग्सर के तौर पर काम करते थे और एप्पल के लोगो को खुद इन्होनें ही डिज़ाइन किया था. इन्हें अंदाज़ा भी नहीं था इतने छोटे स्तर पर शुरू की गई कंपनी आगे चलकर इतने बड़े टेक्नोलॉजी कंपनी के रूप में स्थापित हो जाएगी.
सालाना 15 लाख रुपये तक कमा लेते थे लेकिन अचानक ही कंपनी को छोड़ने का फैसला कर लिया
इस कंपनी से खुद को दूर करने की एक वजह उनके दोस्त स्टीव जॉब्स थे. इस कंपनी में रोनाल्ड ने ज्यादा दिन काम भी नहीं किया था कि अचानक से उन्होंने इस कंपनी को छोड़ने का फैसला ले लिया. इस कंपनी से वो एक साल में लगभग 15 लाख रूपए कमा लेते थे. लेकिन अपने जिद में आकर उन्होंने इस कंपनी को छोड़ दिया और आज उनकी इस गलती के वजह से ना ही नाम बची और ना ही शोहरत। उनकी एक गलती का अफ़सोस जीवन भर उन्हें रहेगा उनके साथ-साथ इस गलती का अहसास उनके परिवार वालों को भी रहेगा.