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अपनी कुर्सी चमकाने के लिए हिंन्दुओं के खिलाफ मुस्लिमों को भड़का रहे हैं केजरीवाल, इन 5 बयान से हो जाएगा साफ

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Arvind Kejriwal: भारत में इस साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने सीएए कानून पर अधिसूचना जारी की है, जिसके बाद देशभर में इसका स्वागत और आलोचना हो रही है. इस कानून को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भी सरकार को घेरा है. इस दौरान केजरीवाल ने पांच ऐसे बड़े बयान दिए हैं जिससे लोगों में नफरत फैल सकती है. आज हम इस रिपोर्ट के जरिये दिल्ली के सीएम के द्वारा दिए गए बयानों पर प्रकाश डालने की कोशिश करेंगे।

1. सीएए देश के लिए खतरनाक है

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) पहले भी सीएए कानून का विरोध कर चुके हैं. लेकिन अब उन्होंने इसे देश के लिए खतरा बताया है. उन्होंने सवाल उठाया है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले लोग कितने सुरक्षित होंगे. उन्होंने माना है कि ऐसी स्थिति में पाकिस्तान अपने कुछ लोगों को भारत भी भेज सकता है.

2. इससे बढ़ेगी बेरोजगारी

दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने आरोप लगाया कि पड़ोसी देशों के गरीब अल्पसंख्यकों को भारत में बसने की अनुमति देने का फैसला देशवासियों से रोजगार के अवसर छीन लेगा। इसका असर महंगाई और बेरोजगारी पर पड़ेगा. उन्होंने एक वीडियो में सीएए नियमों की अधिसूचना पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे ”बेहद खतरनाक” बताया.

3. आजादी के बाद से भी ज्यादा पलायन होंगे

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने केंद्र सरकार की आलोचना की और बताया की नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के लागू होने से आजादी के बाद की तुलना में अधिक पलायन होगा। उन्होंने इस बारे में अपनी चिंता भी जताई। उन्होंने कहा,

“पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में 2.5 से 3 करोड़ अल्पसंख्यक हैं। वहां बहुत गरीबी है। उनके पास नौकरियां नहीं हैं। उनके लिए भारत आना और नागरिकता प्राप्त करना एक बड़ा सपना है… भले ही 1 या 1.5 करोड़ लोग भारत आएंगे जो आजादी के बाद की तुलना में अधिक पलायन होगा।”

4. भारत की जनता का पैसा प्रवासियों पर लुटाने चाहते हैं

सीएए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता लेने के काम को आसान बनाता है, जो 31 दिसंबर 2014 से पहले कानूनी या अवैध रूप से भारत में प्रवेश कर चुके हैं और कम से कम पांच साल से देश में रह रहे हैं। अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार समय सीमा को 2014 से 2019 तक और भविष्य में 2024 तक बढ़ाएगी क्योंकि लोग अवैध रूप से देश में प्रवेश करते रहेंगे। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने शहर में गरीब लोगों के लिए राशन कार्ड बढ़ाने से इनकार करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की, लेकिन अब वह प्रवासियों के लिए कार्ड जारी करने के लिए तैयार है। इस पर उन्होंने कहा,

“पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों ने टैक्स नहीं दिया है, लेकिन इस देश के लोगों ने टैक्स चुकाया है। आप इस देश के टैक्स को पाकिस्तान और बांग्लादेश के लोगों को यहां लाकर उन पर खर्च करना चाहते हैं। यह देश की जनता को स्वीकार्य नहीं है।”

5. कहां रखेंगे लोगों को

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले दो दिनों से प्रदर्शन कर रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने दोहराया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले अल्पसंख्यकों को नागरिकता देना अनुचित है। इस पूरी प्रक्रिया में करोड़ों लोग भारत आएंगे. इस पर केजरीवाल ने केंद्र सरकार से पूछा कि सरकार इतने लोगों को कहां रखेगी. इसके लिए सरकार के पास क्या प्लान है.

भारतीय मुसलमानों को लिए सच में मुसीबत है CAA?

केंद्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि यह कानून नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं. गृह मंत्रालय ने पहले भी बताया था की भारतीय मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि सीएए उनकी नागरिकता को प्रभावित करने के लिए कोई प्रावधान नहीं करता है और इसका मौजूदा 18 करोड़ भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है, इनके पास अपने हिंदू समकक्षों के समान अधिकार हैं। इसका मतलब यह है कि भारत में रहने वाले मुसलमानों को इस कानून से भयभीत होने की आवश्यकता नहीं हैं।

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