BCCI : एशिया कप से पहले, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) को करोड़ों रुपये का भारी नुकसान हुआ है, अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बेतहाशा पैसा खर्च किया, मानो उसे ताश के पत्तों की तरह फेंक रहे हों। इस नुकसान ने बोर्ड के भीतर भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है। इस घटना से फैंस भी हैरान हैं। किसी बड़े टूर्नामेंट से पहले इतने बड़े नुकसान के साथ, वित्तीय दबाव भविष्य की योजनाओं को प्रभावित कर सकता है।
BCCI को लगा करोड़ों का फटका
बीसीसीआई (BCCI) को उसके अधिकारियों ने ही करोंड़ों का झटका दे दिया है। दरअसल यहां बात हो रही है, उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन की। नैनीताल हाईकोर्ट में ₹12 करोड़ के घोटाले के आरोप पहुँचने के बाद उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन गंभीर संकट में फंस गया है।
देहरादून निवासी संजय रावत द्वारा दायर एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए, अदालत ने सख्त रुख अपनाया है और बीसीसीआई (BCCI) को नोटिस जारी कर औपचारिक जवाब माँगा है। इस मामले की सुनवाई मंगलवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी ने की।
इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को निर्धारित की गई है। इस मामले ने पहले ही व्यापक बहस छेड़ दी है, क्रिकेट प्रेमी इस बात की पारदर्शिता की मांग कर रहे हैं कि एसोसिएशन खेल के विकास के लिए आवंटित सरकारी धन का किस प्रकार उपयोग करता है।
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याचिका में अधिकारियों पर पैसों के दुरुपयोग का आरोप
याचिकाकर्ता के अनुसार, एसोसिएशन ने खिलाड़ियों के विकास और क्रिकेट गतिविधियों के आयोजन के लिए निर्धारित लगभग ₹12 करोड़ के सरकारी धन का खुलेआम दुरुपयोग किया है। खिलाड़ियों को सुविधाएँ देने के बजाय, कथित तौर पर पैसों की हेराफेरी की गई।
रावत ने यह भी बताया कि एसोसिएशन ने अपने आधिकारिक चार्टर्ड अकाउंटेंट के बजाय बाहरी चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट करवाकर नियमों का उल्लंघन किया है। जिससे अधिकारियों पर गंभीर सवाल उठते हैं। याचिकाकर्ता ने कोर्ट से निष्पक्ष जाँच का आदेश देने का आग्रह किया है।
₹35 लाख का केला खा गए अधिकारी
इस मामले में सबसे चौंकाने वाले आरोपों में से एक खाने के खर्च से जुड़ा है। याचिका में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों को केवल केले खिलाए गए, जबकि एसोसिएशन ने केवल केलों के लिए ही ₹35 लाख का बढ़ा-चढ़ाकर बिल दिखाया।
इसके अलावा, खाने, पेय पदार्थों और प्रशिक्षण शिविरों पर करोड़ों रुपये खर्च दिखाए गए, जबकि खिलाड़ियों को ऐसा कोई लाभ नहीं मिला। ये खुलासे उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का संकेत देते हैं।
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