BCCI: भारत क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आज दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। विश्व के शेष क्रिकेट बोर्ड मिलकर भी बीसीसीआई को कमाई के मामले में टक्कर नहीं देते हैं। केवल एक इंटरनेशनल मैच खेलने के लिए ही टीम इंडिया को लाखों रूपये की मैच फीस दी जाती है। मगर आपको जानकर हैरानी होगी कि ऐसा हमेशा से नहीं था। एक समय बीसीसीआई के पास खिलाड़ियों को फीस देने के लिए भी पैसा नहीं होता था।
महज 1 रूपये मिलती थी फीस
माधव आप्टे टीम इंडिया के लिए 40 के दशक में खेला करते थे। उन्होंने एक समारोह के दौरान पिछले दिनों को याद करते हुए कहा था कि भारतीय खिलाड़ियों को उस ज़माने में टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए केवल 1 रुपया दिया जाता था। ये रकम भी उन्हें लांड्री भत्ते के लिए दी जाती थी, जिससे वे अपने अपने कपड़ों को सफ़ेद बनाए रख सकें। इतना ही नहीं प्लेयर्स को ट्रैन के जरिए लम्बी – लम्बी दूरियां तय करनी पड़ती थी।
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बदल चुका है समय
हालांकि, अब समय काफी बदल चुका है। आईपीएल 2024 के विजेताओं को बीसीसीआई ने 20 करोड़ रूपये का इनाम दिया था। वहीं, रनरअप टीम को 13 करोड़ रुपये दिए गए। इसके अलावा खिलाड़ियों को सालाना सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के लिए करोड़ों रुपये के अलावा मैच फीस के रूप में मोटी रकम दी जाती है।
हाल ही में बीसीसीआई ने अपने फीस स्ट्रक्चर में बड़े बदलाव किये, जिसके तहत एक सीजन में 7 से अधिक टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों को प्रत्येक मैच के 45 लाख रूपये की फीस दी जाएगी। पहले यह फीस 15 लाख रूपये थी।
वनडे और टी20 में भी मोटी फीस
टेस्ट के अलावा भारतीय खिलाड़ियों को एकदिवसीय और टी20 इंटरनेशनल के लिए भी मोटी फीस दी जाती है। टीम इंडिया के प्लेयर्स को एक वनडे के लिए 6 लाख रुपये और एक टी20 के 3 लाख रुपये दिए जाते हैं।
इतना ही नहीं डोमेस्टिक क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को भी बीसीसीआई के द्वारा भारी मैच फीस दी जाती है। यही वजह है कि पिछले कुछ साल से घरेलू क्रिकेट में सकारात्मक विकास देखने को मिल रहा है।