Posted inक्रिकेट

अब नहीं दिखेंगे व्हाइट जर्सी में? इंग्लैंड टेस्ट से पहले BCCI ने छीन ली इन 3 गेंदबाज़ों की किस्मत

Bcci-Took-Away-Test-Fate-Of-These-3-Bowlers

BCCI : कभी भारतीय टेस्ट टीम के भरोसेमंद तेज़ गेंदबाज़ माने जाने वाले तीन अनुभवी खिलाड़ी अब सफेद जर्सी से बाहर होते नज़र आ रहे हैं। इंग्लैंड के खिलाफ आगामी टेस्ट सीरीज़ से पहले बीसीसीआई (BCCI) ने बड़ा संदेश दिया है-अनुभव से ज़्यादा अब भविष्य पर दांव लगेगा। युवाओं को प्राथमिकता देते हुए चयनकर्ताओं ने इन दिग्गजों को स्क्वॉड से बाहर रखा है, जिससे उनका टेस्ट करियर अब लगभग समाप्त ही माना जा रहा है।

BCCI ने इन तीन तेज गेंदबाजों का खत्म किया टेस्ट करियर!

हम जिन तीन तेज गेंदबाजों की बात कर रहे हैं, वो उमेश यादव (Umesh Yadav), ईशांत  शर्मा (Ishant Sharma), जयदेव उनादकट (Jaydev Unadkat) हैं। बीते कुछ समय से इन खिलाड़ियों की फ़ॉर्म और फिटनेस पर सवाल उठते रहे थे।

अब बीसीसीआई (BCCI)  ने संकेत दे दिया है कि टीम का भविष्य अब युवाओं के हवाले है। टेस्ट टीम में नई पीढ़ी के तेज़ गेंदबाज़ों को तरजीह दी गई है, जो लंबे फॉर्मेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ये फैसला इन तीनों के लिए बड़ा झटका है।

यह भी पढ़ें-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के लिए BCCI ने रातों-रात बदला गेमप्लान, KKR के 4 खिलाड़ियों को दी टीम में बड़ी जगह

घरेलू ज़मीन के स्पेशलिस्ट, लेकिन अब बाहर

38 साल के उमेश यादव ने भारत के आखिरी टेस्ट नवंबर 2024 में खेला था। उन्होंने अब तक 57 टेस्ट मैचों में कुल 170 विकेट झटके हैं। भारत में उनका रिकॉर्ड शानदार रहा है – 32 मैचों में 101 विकेट, औसत 25.88।

हालांकि लेकिन बीते कुछ समय में लगातार चोट और फॉर्म की कमी ने उन्हें प्लेइंग इलेवन से दूर कर दिया। इंग्लैंड दौरे की टीम में उनकी गैरमौजूदगी से यह साफ हो गया है कि बीसीसीआई अब भविष्य के विकल्पों की ओर देख रहा है।

ईशांत शर्मा और जयदेव उनादकट भी बाहर

2007 में डेब्यू करने वाले ईशांत शर्मा ने भारत के लिए 105 टेस्ट खेले हैं, जिनमें उन्होंने 311 विकेट लिए। टेस्ट क्रिकेट में उन्होंने 11 बार पारी में पांच और एक बार मैच में 10 विकेट लेने का कारनामा किया है। उनका आखिरी टेस्ट नवंबर 2021 में न्यूजीलैंड के खिलाफ था।

जयदेव उनादकट ने 2010 में टेस्ट डेब्यू किया था लेकिन उन्हें अब तक सिर्फ 4 टेस्ट खेलने का मौका मिला है, जिसमें वे केवल 3 विकेट ही ले सके हैं। घरेलू क्रिकेट में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद टेस्ट टीम में उनकी स्थिति कभी स्थायी नहीं बन पाई।

यह भी पढ़ें-w,w,w,w,w,w…6 गेंदों में 6 विकेट! इस बॉलर ने अकेले ही खत्म कर दिया पूरा मैच, बल्लेबाज़ों को सांस लेने का भी नहीं मिला मौका

Exit mobile version