Posted inक्रिकेट

छोटी उम्र में खो दी थी आंखों की रोशनी, मगर हार नहीं मानी, अपनी मेहनत से बने IAS अफसर

 Ias

व्यक्ति जब कुदरती या जिंदगी के पढ़ाव में अपने शरीर से लाचार हो जाता है तो उसके पास खूद की किस्मत को  कोसने के सिवाय और कुछ नहीं बचता है. इसी में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो इस लाचारी को खूद पर बोझ नहीं बनने देते और मेहमत करते रहते हैं. इस बात का बड़ा उदाहरण IAS के.ललित हैं. जिन्हें अपने स्कूल के दिनों में ही दिखना बिलकुल न के बराबर हो गया था.

इस वजह से वह हर बार एग्जाम में लिख भी नहीं पाते थे, लेकिन ललित ने कभी भी खूद पर फिजिकल डिसएबिलिटी का ठप्पा नहीं लगने दिया और अपनी मेहनत पर डटे रहे और एक दिन ऐसा भी आया जब सभी को हैरान करते हुए ललित ने IAS की परीक्षा पास कर डाली, तो आइए एक बार ललित की इस सफलता की कहानी को विस्तार से जानते हैं.

UPSC पास करने में रहे असफल

IAS के. ललित बेशक आठवीं क्लास के बाद से अपनी आंखों से लाचार होते गए, लेकिन उनके अंदर पढ़ाई के लिए जोश और जज्बा हमेशा एक समान ही बरकरार रहा और लगातार मेहनत में डटे रहे. इन सब में ललित के पिता ने भी उनका पूरा साथ दिया और उन्हें एक नॉर्मल बच्चें की तरह ही बड़ा किया. स्कूल से निकलने के बाद ललित ने खुद को यूपीएससी(UPSC) के लिए तैयार किया. ऑडियो बुक्स आदि की मदद से उन्होंने दिन-रात एक करके पढ़ाई की, लेकिन पहली बार में ललित यूपीएसी की परीक्षा पास नहीं कर पाए, मगर वो टूटे नहीं. उन्होंने एक बार फिर से संघर्ष किया और दूसरी बार वो सफल रहे.

IAS बनने का सपना हुआ पूरा

साल 2018 में देख न पाने के बावजूद ललित ने पीएच श्रेणी में यूपीएससी सीएसई परीक्षा पास की और साल 2019 बैच के IAS आईएएस बने और ललित अपनी इस सफलता का श्रेय अपने मां-बाप को देते हैं. जिन्होंने ललित को कभी भी फिजिकल डिसएबिलिटी का महसूस नही होने दिया और इस बात को ललित खूद कहते हैं कि उनके संघर्ष और कभी गिवअप न करने वाले एटिट्यूड की वजह से ही वो आगे बढ़ सके. ललित की कहानी उन युवाओ के लिए प्रेरणास्रोत है, जो कठिनाईयों से जूझते हुए IAS बनना चाहते हैं.

Why to seek entertainment from Youtube, Facebook, TV etc.. when all the entertainment is in the chattering of our thoughts!

Exit mobile version