राहुल माथुर के बोल चिंता न करो मैं ठीक हूं, मुझे मामूली सी चोट है, मेरी तरफ नहीं आतंकी की तरफ देखो पहले मुझे अपना लक्ष्य पूरा करना है, दवा बाद में भी हो जाएगा। श्रीनगर के बटमालू में वीरवार को आतंकियों के साथ मुठभेड़ के दौरान सीने व पेट में गोली लगने के बाद फूटी रक्त की धार देखकर सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट राहुल माथुर अपने लिए एंबुलेंस मंगवाने के बजाय साथियों का मनोबल बढ़ाया।
सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट राहुल माथुर
जब उनकी आंखें खुली तो वह बदामी बाग स्थित सेना के 92 बेस अस्पताल में उपचार उपचाराधीन थे । यही नहीं मुठभेड़ शुरू होने पर राहुल माथुर ने गोलीबारी के बीच अपनी टीम के साथ मुठभेड़ स्थल के आसपास घरों में फंसी महिलाओं और बच्चों को भी सुरक्षित निकाला । इस मुठभेड़ में उन्होंने कुल 3 आतंकियों को मार गिराया। बटमालू के फिरदौसबाद मैं मुठभेड़ के दौरान राहुल माथुर अपने दस्ते का नेतृत्व करते हुए आगे बढ़ पहले एक आतंकी की पोजीशन का अंदाजा लगाया और फिर उसे ठिकाने लगा दिया। वह उसे मार गिराने में कामयाब हो गए, लेकिन अन्य आतंकियों द्वारा दागी गई गोलियां उनके सीने को छेदती हुई निकल गई । उनका एक साथी भी इस दौरान जख्मी हुआ लेकिन मुठभेड़ स्थल से हटने और अपने लिए डॉक्टर तलाशने के बजाय उन्होंने पहले अपने जख्मी साथी को सुरक्षित वहां से निकलवाया इसके बाद आतंकियों के साथ मुकाबले में जुट गए।
क्यों 117 वीं वाहिनी के कमांडेंट पंकज ने कहा कि राहुल माथुर बहुत बहादुर
उन्होंने अपने अधीनस्थ साथियों को निर्देश दिया कि मेरी तरफ देखने के बजाय आतंकी की तरफ देखो इसके साथ ही उन्होंने दोबारा अपनी एसॉल्ट राइफल संभाली और जख्मों की परवाह किए बिना उस कमरे के ठीक बाहर पहुंच गए, जहां जगह बना कर दो आतंकी छिपकर फायर कर रहे थे।अचेत होने से पहले उन्होंने दूसरे आतंकी को भी ढेर कर दिया। मुठभेड़ स्थल पर मौजूद रहे एक अधिकारी ने कहा, कि राहुल माथुर के जख्मी होने की खबर मिलते ही जब उनके रेडियो सेट पर संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा मैं ठीक हूं वह चाहते तो उसी समय वहां से हट जाते, लेकिन उन्होंने मैदान नहीं छोड़ा सीआरपीएफ की 117 वीं वाहिनी के कमांडेंट पंकज ने कहा कि राहुल माथुर बहुत बहादुर है हमारे पास बीते कुछ दिनों से सूचना आ रही थी, कि आतंकी श्रीनगर में किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने के लिए आ रहे हैं।
जख्मी होने के बावजूद मैदान छोड़ा नहीं
जब भी बैठक होती थी, तो राहुल यही कहा करते थे, कि आ रहे हैं, तो आने दीजिए हम आतंकियों के ठिकाने को जलाते हुए, उन्हें मार गिराएंगे आज तक उन्हें जैसे ही पता चला, कि आतंकी बटमालू में अपने सेफ हाउस में है राहुल माथुर अपने दोस्तों दस्ते के साथ तैयार नजर आए । उन्होंने जख्मी होने के बावजूद मैदान नहीं छोड़ा। वो यही कह रहे थे कि डोंट वरी आई एम फाइन इट्स राहुल माथुर नॉर्मल इंजरी वह गंभीर रुप से घायल होने के बावजूद भी लड़े और इस समय अस्पताल में हैं । आप सब दुआ करें कि वह जल्द से जल्द स्वस्थ होकर अस्पताल से डिस्चार्ज हो जाए।