चाणक्य नीति पति- पत्नि के रिश्ते को लेकर क्या भविष्यवाणी करती है। आइए जानते हैं… चाणक्य नीति का कहना है कि पति और पत्नी के रिश्ते में एक- दूसरे के प्रति विश्वास और समर्पण का भाव होना चाहिए। जब इन चीजों की कमी आती है रिश्ते में मिठास होने की बजाए रिश्ते में धीरे-धीरे दरार पड़ने लगती है।
पति-पत्नि के रिश्ते खराब होने से आती है ये दिक्कत
पति और पत्नी के बीच जब रिश्ते अच्छे नहीं रहते हैं, तो कई तरह की मुश्किलें आती हैं तो घऱ की सुख शांति का नाश हो जाता है। मानसिक तनाव के चलते फैसले लेने में दिक्कत आने लगती है। समय रहते इस हालात को न सुधारा जाए तो कलह और मतभेद शुरू हो जाते हैं। जो पति-पत्नि के रिश्ते में जहर घोलने का काम करते हैं। इसलिए ऐसे हालात में कभी भी भूलकर भी न करें ये काम!
एक दूसरे को समझने की कोशिश करें
चाणक्य नीति कहती है कि- पति और पत्नी जीवन रूपी रथ के दो पहिए हैं. पति और पत्नी के रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सबसे जरुरी है कि एक दूसरों को भांलिभाति समझना। जब तक एक दूसरे को समझने की कोशिश नहीं करेंगे तब तक दांपत्य जीवन में मधुरता नहीं आ सकती है।
एक दूसरे की भावनाओं की इज्जत करें
पति और पत्नी के रिश्ते में एक दूसरे की भावनाओं की इज्जत करनी चाहिए। जब ऐसा नहीं होता है तो रिश्तों में खटास आना आरंभ हो जाता है, और यही प्रवृत्ति बाद में टकराव और विवाद का कारण बनती है.
दिखावा और झूठ से बचें
पति और पत्नी का रिश्ता पानी की तरह निर्मल और साफ होना चाहिए. इस रिश्ते में दिखावा और झूठ को न आने दें. पति-पत्नी के रिश्ते में इन चीजों का शामिल होना, अच्छा नहीं होता है. इससे संबंध में कमजोरी आती है और कलह के बीज अंकुरित होते हैं.