Cheteshwar Pujara: रणजी ट्रॉफी में जब भी चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) का जिक्र होता है, तो बेहद ही गौरव के साथ उनका नाम लिया जाता है। रणजी ट्रॉफी के एक मुकाबले में पुजारा ने ऐसा कारनामा कर दिखाया है, जिसे क्रिकेट प्रेमी हमेशा याद रखेंगे। इस टूर्नामेंट में पुजारा ने विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए 352 रनों की ऐतिहासिक पारी खेल डाली ही। तो आइए जानते हैं पुजारा की इस तूफानी पारी के बारे में विस्तार से……
Cheteshwar Pujara ने खेली 352 रन की पारी
दरअसल हम चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) की जिस पारी की बात कर रहे हैं, वो उन्होंने साल 2013 में सौराष्ट्र के लिए कर्नाटका के खिलाफ खेली थीं। रणजी ट्रॉफी 2013 के क्वार्टर फाइनल में मुकाबले में पुजारा ने ऐसा कारनामा कर दिखाया था, जिसे आज भी क्रिकेट प्रेमी याद करते है। इस मैच में सौराष्ट्र की ओर से कर्नाटक के खिलाफ खेलते हुए उन्होंने 352 रन की ऐतिहासिक पारी खेली थी। यह पारी पुजारा के करियर की सबसे बड़ी प्रथम श्रेणी पारी रही, जिसमें उन्होंने अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से हर किसी का दिल जीत लिया।
यह भी पढ़ें: साउथ अफ्रीका टेस्ट सीरीज के लिए टीम इंडिया के कप्तान-उपकप्तान का हुआ चयन, इन 2 युवाओं के पास रहेगी कमान
चौके- छक्कों की बरसात
राजकोट में खेले गए इस मुकाबले में पुजारा ने 427 गेंदों पर 352 रन बनाए। उनकी इस पारी में 49 चौके और 1 छक्का शामिल था। उन्होंने मैदान पर करीब 548 मिनट बिताए और हर एक रन के लिए संघर्ष किया। शुरुआत में कुछ देर कर्नाटक के गेंदबाजों ने दबाव बनाया, लेकिन एक बार सेट होने के बाद पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने चौके-छक्कों को बरसात की।
कुछ ऐसा रहा मैच का हाल
इस मैच की पहली पारी में सौराष्ट्र ने 469 रन बनाए थे, जबकि कर्नाटक ने 396 रन बनाकर जवाब दिया। दूसरी पारी में पुजारा (Cheteshwar Pujara) की इस विस्फोटक पारी की बदौलत सौराष्ट्र ने 718/9 का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया था। हालांकि आखिर में मैच द्रव्यों गया था, लेकिन पहली पारी की बढ़त के चलते सौराष्ट्र सेमीफाइनल में पहुंच गया। पुजारा की 352 रनों की पारी सौराष्ट्र के लिए मील का पत्थर साबित हुई।
मैच पलटने वाले खिलाड़ियों में गिनती
कर्नाटक के खिलाफ इस शानदार प्रदर्शन के बाद चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) की गितनी उस बल्लेबाजों में होने लो को न सिर्फ रन बनते है, बल्कि अपनी टीम को जीत भी दिलाते है। घरेलू क्रिकेट में यह पारी इस बात का प्रमाण थी कि पुजारा केवल टेस्ट एक्सपर्ट नहीं, बल्कि धैर्य और तकनीक के भी प्रतीक है।
यह भी पढ़ें: W,W,W,W,W..इंग्लैंड के बॉलर्स का कहर, साउथ अफ्रीका की पूरी टीम बिखरी, 7 बल्लेबाज़ 10 रन का आंकड़ा भी नहीं छू पाए
