प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अचानक से सीमा निरीक्षण के दौरे में और सैनिको के हौसला को बढ़ाने के लिए लिये गए फैसले से चीन बौखला गया है। चीन ने इस दौरे की प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि किसी भी पक्ष को ऐसा काम नही करना चाहिये, जिसे सीमा पर हालात जटिल हो।
मोदी जी ने इस दौरे में वहां पर तैनात सुरक्षा बल, आईटीबीपी और वायु सेना से बातचीत की और सम्बोधित करते हुए कहा कि विस्तारवाद का दौर खत्म हो गया और भारत के शत्रु ने उसके सस्त्र बालो के ‘ कोप और क्रोध’ को देख लिया।
मोदी के यात्रा पर चीन का बयान
मोदी के इस यात्रा पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा,
“चीन और भारत एक दूसरे के साथ हमेशा संपर्क में हैं, जिससे बॉर्डर पर बने तनाव को खत्म किया जा सके। किसी भी पक्ष को ऐसा कदम नही उठाना चाहिए की सीमा पर बने हालात जटिल हो।”
वहीं दिल्ली में चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने ट्वीट कर कहा कि,
“चीन को विस्तारवादी के तौर पर देखना आधारहीन है। और ये भी दावा किया कि चीन अपने 14 पड़ोसियों में से 12 पड़ोसियों के साथ शान्ति ढंग से सीमांकन करता है।”
15 जून को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हुए थे जिसके वजह से बॉर्डर पर तनाव बढ़ गया था। कुछ दिनों बाद चीन ने माना कि उसके भी जवान हताहत हुए हैं, लेकिन वो खुल कर पूरी रिपोर्ट नही दी।
झाओ द्वारा एक सम्मेलन में दिया गया बयान
भारत द्वारा उठाये गए कदम जिसमे उसके कंपनियों के बैन और एप्प पर लगायें गए बैन के बाद विजिंग भारत में अपने कारोबार के बैध अधिकारी के तहत कदम उठाएंगे। हमे उम्मीद है कि हमारे द्विपक्षीय संबंध बनाने के लिये चीन से मिल कर काम करेगा। चीन हमेशा से सुलझाने में लगी है। ये जो भी आरोप है गलत है।
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