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गंजे लोगो को कोरोना वायरस का ढाई गुना अधिक खतरा, इस तरह कम हो सकता है खतरा

कोरोना
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कोरोना महामारी का इस समय दूसरा लहर चल रहा है। इस महामारी के दुसरे लहर से पूरा देश जूझ रहा है।  भारत मे इस लहर का चिंता का विषय बना हुआ है। तो  वहीं कई सारे रिसर्च किये जा रहे हैं, जिसमे एक रिसर्चर ने चौकाने वाला दावा किया जा रहा है. इसके अनुसार गंजेपन वाले बीमारी से ग्रसित लोगो को कोरोना और खतरनाक साबित हो सकती है .

गंजेपन को कोरोना वायरस का ज्यादा खतरा

एक्सपर्ट के अनुसार जिन पुरूष में मेल हार्मोन सेंसिटिविटी लेवल 22 से ज्यादा है, तो वह आम लोगो के मुकाबले ये 2.5 गुना गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। ऐसा रिसर्च में देखा गया है, इन रिसर्च में 65 लोग शामिल किया गया है। इनमें आनुवांशिक तौर पर गंजेपन की बीमारी है।

एक खबर के मुताबिक, जिन विशेषज्ञ ने इस पर रिसर्च किए हैं, उन विशेषज्ञ ने इनका आनुवांशिक और डी एन ए सैंपलिंग भी किये। इस दौरान पुरुषों के गंजेपन के पैटर्न को भी परखा गया। जिसे androgenetic alopecia भी कहते हैं, जिसके वजह से दुनिया में 50 वर्ष से ऊपर के पुरूष हैं, इनमे से 50 फीसदी पुरुष गंजेपन के शिकार हैं। androgenetic alopecia के शिकार लोगों पर एंड्रोजेन्स की मात्रा भी बढ़ जाती है।

इलाज के लिये नया तरीका विकसित हो सकता है-

नई रिसर्च कोरोना के मरीज के इलाज के लिए एक नया रास्ता मिल सकता है। रिसर्चकर्ता के अनुसार उनका कहना है कि, अगर इस पैटर्न पर इलाज किया जाए तो कोरोना के असर को कम किया जा सकता है, जिससे राहत मिल सकती है।

TMPRSS2 एंजाइम से भी जुड़ा है एंड्रोजेन

पुरुषों में गंजेपन को एंड्रोजेन रिसेप्टर (एआर) कंट्रोल करते हैं। इसी से पता चलता है कि किसी व्यक्ति का शरीर एंड्रोजेन्स को लेकर कितना सेंसेटिव है। एंड्रोजेन्स TMPRSS2 एंजाइम से भी जुड़ा है. जो कोरोना वायरस संक्रमण की सूरत में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है.

 वैक्सीनेशन पर दिया जा रहा है जोर

कोरोना के दूसरे लहर की देश में इतने जल्दी आने का किसी भी ने अनुमान नहीं लगाया था . जिससे निपटने क लिए आज युद्ध स्तर की कोशिश की जा रही है. वहीं टीकाकरण की बात करे तो लगातार बढ़ता जा रहा है . पिछले 24 घंटे में देश में कुल  23 लाख 70 हजार 298 लोगो को वैक्सीन का डोज दिया जा चुका है .

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