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बेंगलुरु भगदड़ के बाद क्रिकेट जगत में एक और हुआ बड़ा हादसा, टूर्नामेंट में खेलने जा रहे क्रिकेटर की हुई मौत

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Cricket: हाल ही में आरसीबी के खिताब जीतने के बाद बेंगलुरु में जो भगदड़ हुई, उसे लेकर पूरे देश भर में चर्चा चल रही है, जहां कई लोगों की मौत हो गई है और अभी भी कई ऐसे लोग हैं जो मौत और जिंदगी के बीच जंग लड़ रहे हैं. अभी यह पूरा मामला शांत ही नहीं हुआ कि क्रिकेट (Cricket) जगत में एक और बहुत बड़ा हादसा होता नजर आ रहा है, जहां एक टूर्नामेंट में हिस्सा लेने जा रहे क्रिकेटर की अचानक मौत हो गई.

इस जानकारी के सामने आने के बाद अब क्रिकेट जगत में पूरी तरह से मातम पसरा हुआ है और पूरे देश भर में इस मामले को लेकर चर्चा चल रही है.

बेंगलुरु भगदड़ के बाद Cricket जगत में एक और हुआ बड़ा हादसा

हम यहां पंजाब के 38 वर्षीय दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह की बात कर रहे हैं. दरअसल दिल्ली से ग्वालियर जा रही छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में यह दुखद घटना हुई जहां क्रिकेटर विक्रम सिंह व्हीलचेयर क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे, लेकिन शायद उनकी किस्मत में कुछ और लिखा था. यात्रा के दौरान अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई.

कई बार उन्होंने इमरजेंसी कॉल भी किया, लेकिन उस समय किसी तरह का उन्हें मेडिकल हेल्प नहीं मिल पाया. मथुरा स्टेशन पहुंचने से पहले ही इस क्रिकेटर ने दम तोड़ दिया, जहां मदद की गुहार लगाने के लिए बार-बार कोशिश करने के बावजूद भी उन्हें कोई सहारा नहीं मिला. क्रिकेटर (Cricket) की इस मौत ने रेलवे की आपातकालीन चिकित्सा सुविधाओं पर भी अब गंभीर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए हैं. दरअसल बुधवार की रात हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में विक्रम सिंह और उनके साथी सवार हुए थे.

टूर्नामेंट में खेलने जा रहा क्रिकेटर की हुई मौत

क्रिकेटर (Cricket) बड़े ही शांति से यात्रा कर रहे थे और अपने लक्ष्य तक पहुंच कर आगे के बारे में सोच रहे थे, तभी अचानक उन्हें तेज दर्द शुरू होने लगा. मथुरा पहुंचने से पहले ही उनकी हालत और भी ज्यादा बिगड़ गई. सुबह 4:58 पर रेलवे हेल्पलाइन पर इमरजेंसी कॉल कई बार की गई लेकिन किसी तरह की कोई मदद नहीं मिली. ट्रेन करीब 90 मिनट देरी से चली और सुबह 8:10 पर मथुरा स्टेशन पहुंची.

तब तक इस खिलाड़ी ने अपना दम तोड़ दिया था, जिनके साथी ने बताया कि वह हमारी आंखों के सामने दर्द से तड़प रहा था, हम मदद के लिए चिल्लाते रहे लेकिन किसी ने कोई मदद नहीं की. इस पूरे मामले के बाद मथुरा जंक्शन पर राजकीय रेलवे पुलिस के अधिकारियों ने उनके शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की व्यवस्था करनी शुरू कर दी है.

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