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क्रिकेट जगत फिर हुआ शर्मसार! 3 घंटों तक तड़पता रहा खिलाड़ी, किसी ने नहीं की मदद तो तोड़ दिया दम 

Cricketer Demise

Cricketer Demise: हाल ही में आईपीएल का फाइनल हुआ है और इसमें बेंगलुरु टीम ने जीत हासिल की है। लोग अभी इसके जश्न से बाहर ही नहीं आए है कि कि एक के बाद एक बुरी खबर सामने आ रही हैं। बुधवार शाम को विक्ट्री परेड में मची भगदड़ के बाद अब एक क्रिकेटर की मौत हो गई है, जिससे पूरे क्रिकेट जगत में शोक की लहर छा गई है।

 ट्रेन में एक दिव्यांग क्रिकेटर की हुई मौत

पंजाब के दिव्यांग क्रिकेटर विक्रम सिंह की बुधवार 4 जून को ट्रेन में मौत (Cricketer Demise) हो गई। वह दिल्ली के निजामुद्दीन स्टेशन से ट्रेन में सवार हुए थे। वह छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में अपने साथियों के साथ मध्य प्रदेश के ग्वालियर जा रहे थे। लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही रास्ते में उनकी तबीयत बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि तबीयत बिगड़ने पर उन्हें समय पर इलाज नहीं मिला और ट्रेन में ही उनकी मौत हो गई।

लुधियाना से ग्वालियर जा रहे खिलाड़ी विक्रम की मौत

लुधियाना से ग्वालियर दिव्यांग क्रिकेट टूर्नामेंट खेलने जा रहे दिव्यांग क्रिकेट खिलाड़ी विक्रम की ट्रेन में तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। यह दुखद घटना छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस में मथुरा के पास उस समय हुई। जब विक्रम अपनी टीम के साथ सफर कर रहे थे। जानकारी के मुताबिक विक्रम और उनकी टीम के 14 खिलाड़ी ग्वालियर में होने वाले मैच के लिए जा रहे थे। सफर के दौरान विक्रम की तबीयत अचानक बिगड़ गई। साथियों ने तुरंत ट्रेन स्टाफ को इसकी जानकारी दी। लेकिन ट्रेन करीब डेढ़ घंटे तक बीच रास्ते में रुकी रही और समय पर इलाज नहीं मिल सका।

समय पर इलाज ना मिलने की वजह से हुई मौत

शाम 4.58 बजे उसके साथियों ने रेलवे के 139 नंबर पर कॉल कर इलाज के लिए मदद मांगी। रेलवे ने 5 बजे कॉल किया। बताया गया कि आपके साथी को मथुरा जंक्शन पर इलाज मिलेगा। लेकिन मथुरा स्टेशन से पहले आझई स्टेशन पर सिग्नल ना होने के कारण ट्रेन डेढ़ घंटे तक खड़ी रही। इससे विक्रम की तबीयत और बिगड़ गई। ट्रेन जब मथुरा जंक्शन पहुंची तो काफी देर हो चुकी थी और विक्रम की मौत (Cricketer Demise) हो चुकी थी। मथुरा स्टेशन पहुंचने पर जीआरपी (रेलवे पुलिस) ने शव को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

टीम के खिलाड़ियों ने रेलवे प्रशासन पर लगाया आरोप

टीम के एक अन्य खिलाड़ी राजा जो दिव्यांग भी हैं। उन्होंने बताया कि समय पर सूचना दे दी थी। लेकिन अगर ट्रेन समय पर मथुरा स्टेशन पहुंच जाती तो विक्रम की जान बच सकती थी। आखिरकार उसकी जान (Cricketer Demise) चली गई। साथियों ने आरोप लगाया कि रेलवे कंट्रोल रूम को सूचना देने के बाद भी करीब तीन घंटे तक इलाज नहीं मिल सका। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया है। परिजनों को सूचना दे दी गई है। उनके आने के बाद शव सौंप दिया जाएगा।

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