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दरोगा की बेटी विशाखा बनी IAS, यूपीएसएसी परीक्षा में छठा रैंक हासिल कर तोड़ा रिकॉर्ड

दरोगा की बेटी विशाखा बनी Ias, यूपीएसएसी परीक्षा में छठा रैंक हासिल कर तोड़ा रिकॉर्ड

दिल्ली पुलिस के द्वारिका डीसीपी दफ्तर के दरोगा राजकुमार की बेटी ने तीसरे प्रयास में छठी रैंक प्राप्त कर देश का नाम रोशन किया है। विशाखा ने इससे पहले दो बार भी प्रयास किए थे लेकिन प्रारंभिक परीक्षा तक पास नहीं कर पाई। अपनी मेहनत लगातार जारी रख कर इस बार विशाखा ने तीसरे प्रयास में सफलता हासिल की।

उत्तर प्रदेश के मथुरा की रहने वाली विशाखा ने बीटेक दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से किया इसके बाद बेंगलुरु में 2 साल तक नौकरी की। साथ ही साथ विशाखा ने यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा पास कर ली।

यूपीएससी की परीक्षा में 101 वी रैंक की हासिल

स्मिथ जैन की पत्नी विशाखा जैन ने भी यूपीएससी की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। वह आईएएस के लिए चयनित हो गई है। भागलपुर के चिकित्सक डॉ नरेंद्र जैन की बेटी विशाखा ने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में 101 वी रैंक हासिल की। पहले विशाखा ने कक्षा 6 तक की पढ़ाई भागलपुर से की, जिसके बाद वह पिता के साथ गुजरात चली गई।

डॉक्टर नरेंद्र गुजरात में परिवार के साथ रह रहे हैं, जहां पर उनका निजी अस्पताल है। विशाखा के पति स्मिथ जैन गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। दोनों की शादी साल 2019 में हुई थी। विशाखा ने आईपीएस कैडर चयनित किया।

प्रदीप की पढ़ाई के लिए पिता ने बेच दिया घर

ज्यादातर हर साल टॉप करने वाले आर्थिक स्थिति से मजबूत होते हैं, लेकिन प्रदीप सिंह को इस तरह की सुविधा ना मिल पाने पर भी अपनी प्रतिभा से पूरे देश में सफलता का परचम लहराया। प्रदीप सिंह ने इस बार परीक्षा में पूरे देश में 26 वां स्थान हासिल किया। प्रदीप की सफलता के लिए प्रदीप के साथ साथ उसके पूरे परिवार ने काफी कठिनाइयों का सामना किया और कई तरह के त्याग भी किए हैं। पहली बार जब प्रदीप ने अपने पिता से कहा कि, उन्हें यूपीएससी परीक्षा की तैयारी करना है और एक बड़ा अफसर बनना है। तो उनके पिता ने बिना सोचे समझे घर बेच दिया और प्रदीप की पढ़ाई के लिए पैसा इकट्ठा किया

पेट्रोल पंप पर नौकरी करते थे प्रदीप

प्रदीप इंदौर में एक पेट्रोल पंप पर काम किया करते थे। प्रदीप मूल रूप से बिहार गोपालगंज के निवासी हैं और इंदौर में रह रहे हैं। प्रदीप ने दिल्ली से कोचिंग की और पूरे देश में 26 स्थान हासिल करके अपने पिता का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। उनके पिता को उनकी मेहनत और लगन पर पूरा भरोसा था, जिसकी वजह से उन्होंने अपने बेटे का पूरा साथ दिया।

मेरा नाम उर्वशी श्रीवास्तव है. मैं हिंद नाउ वेबसाइट पर कंटेंट राइटर के तौर पर...

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