नई दिल्ली: निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भले ही अपनी हार मानने के लिए पूरी तरह से तैयार न हों, लेकिन चुनाव के नतीजों से ये स्पष्ट है, कि जो बाइडन ही अमेरिका के अगले राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं। वहीं अब ये तय है कि मौजूदा राष्ट्रपति ट्रंप के व्हाइट हाउस में 20 जनवरी 2021 तक ही रह सकेंगे, लेकिन इसके बाद क्या? बता दें कि, यह सवाल इसलिए आवश्यक है, क्योंकि ट्रंप पर जो भी आरोप लगे हैं उनसे निजात उनके लिए मुश्किल जान पड़ता है।
वहीं इस सवाल का उत्तर ढूंढने का सही कारण इसलिए भी बना है, क्योंकि पिछले साल दिसंबर से ही इसे लेकर चर्चा काफी जोरों पर हो रही है। आपको बता दें कि अमेरिका के संविधान के मुताबिक, मौजूदा राष्ट्राध्यक्ष होने के नाते उनके ऊपर सदन की आज्ञा से महाभियोग तो चलाया जा सकता है, लेकिन आपराधिक मामला नहीं चलाया जा सकता।
डोनाल्ड ट्रंप पर लगे हैं ये आरोप
बता दें कि, राष्ट्रपति पद पर रहते हुए डोनाल्ड ट्रंप पर कथित तौर पर हुए घोटाले करने का आरोप है। साथ ही उनके ऊपर कर चोरी, बैंक से धोखाधड़ी, मतदाता धोखाधड़ी व चुनाव में धोखाधड़ी का भी आरोप लगा है। एनवाईटी की एक खबर के अनुसार, इन आरोपों के कारण डोनाल्ड ट्रंप को जबरन वित्तीय घाटा भी हो सकता है, जोकि उनके बिजनेस के लिए अच्छा साबित नहीं होगा। बता दें कि, ट्रंप को बैंकों का 30 करोड़ डॉलर का कर्ज अभी चुकाना बाकी है, इसलिए उनके लिए ये और भी बुरा है।
वहीं जहां तक मतदाता में धोखाधड़ी का आरेाप है, तो यह आरोप उनपर अमेरिकी अटॉर्नी ने साल 2018 में लगाया था। उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनके सहयोगी माइल कोहेन को भी इसकी गड़बड़ी का सहयोगी पाया था। दूसरी तरफ स्टॉर्मा डैनियल्स ने भी ट्रंप पर शारीरिक शोषण करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि ट्रंप ने उन्हें चुप रहने के लिए पैसे भी दिए थे।
हालांकि अनेक आरोपों के बाद भी ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत यह नहीं मानते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप को जेल जाना पड़ सकता है। उनके मुताबिक, अमेरिकी इतिहास में ऐसा कोई भी वाक्या नहीं है, कि जब किसी राष्ट्रपति को जेल जाना पड़ा हो।
चुनाव के बाद भी ट्रंप की स्थिति नहीं हुई कमजोर
वहीं आगे कहा कि रिचर्ड निक्सन को तो वाटरगेट कांड में माफी दे दी गई थी। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राष्ट्रपति रहते हुए डेमोक्रेट्स ने ट्रंप को पद से हटाने व महाभियोग चलाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन उसमें उनको सफलता नहीं मिली। ट्रंप की स्थिति चुनाव के बाद कमजोर नहीं हुई है, बल्कि उन्हें देश में 47 फीसदी वोट मिले हैं। फिलहाल, वह दोबारा राष्ट्रपति नहीं बन सकेंगे। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है वह साल 2024 के चुनाव में दोबारा प्रत्याशी नहीं बन सकते हैं। अगर राष्ट्रपति पद से हटने के बाद ट्रंप को जेल जाना पड़ता है, तो फिर ये बाइडन के लिए भी अच्छा साबित नहीं होगा।
प्रोफेसर पंत के मुताबिक, बाइडेन एक ऐसे अमेरिका की कमान संभालने वाले हैं, जहां पूरा मुल्क दो धड़ों में विभाजित है। ऐसे में बाइडेन इस तरह का कोई भी रिस्क नहीं लेंगे और मुमकिन है कि ट्रंप को माफी भी मिल जाए। वहीं न्यायिक प्रक्रिया के तहत होने वाली सुनवाई पर बतौर राष्ट्रपति बाइडन अंकुश नहीं लगाएंगे। अगर इन आरोपों के तहत ट्रंप को किसी तरह की सजा होती है, तो बाइडेन को माफी देने का अधिकार प्राप्त है।