Posted inक्रिकेट

पत्नी की जगह किचन संभालने लगा पति, अब IAS बनकर बीवी ने पूरा किया पति का सपना

पत्नी की जगह किचन संभालने लगा पति, अब Ias बनकर बीवी ने पूरा किया पति का सपना

आईएस की परीक्षा पास करने के लिए काफी मेहनत करने की जरूरत पड़ती है. हरियाणा के शामली की रहने वाली काजल की सफलता और उनके बीच का सबसे बड़ा रोड़ा था समय का अभाव. काजल यूपीएससी परीक्षा पास तो करना चाहती थीं पर कुछ कारणों की वजह से वे इस प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षा की तैयारी के लिये नौकरी नहीं छोड़ सकती थीं. उन्होंने ऐसा ही किया और अपनी मेहनत, सही प्लानिंग और एकाग्रता के बल पर बिना कोचिंग के और नौकरी के साथ ही साल 2018 में 28वीं रैंक के साथ यह परीक्षा पास कर ली.

पति की रही अहम भूमिका

काजल ने एक साक्षात्कार में बताया कि आमतौर पर महिलायें शादी को एक प्रकार की रुकावट मानती हैं और शादी के समय ही यह तय कर लेती हैं कि इसके साथ कुछ भी अचीव कर पाना संभव नहीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया, उन्होंने शादी को कभी बोझ नहीं माना और इसमें उनके पति कि अहम भूमिका रही. उनके पति आशीष मलिक जो कि खुद इंडिया की अमेरिकन एमबेसी में काम करते हैं, उन्होंने हमेशा उनका सहयोग किया. कभी उन्हें घर के या ऐसे गैरजरूरी कामों में नहीं उलझाया जो उनके बिना हो सकते थे. फलस्वरूप काजल को जितना भी समय मिलता था वे सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई करती थीं.

ऐसे किया टाइम मैनेजमेंट

काजल ने अपने टाइम मैनेजमेंट के बारे में बात करते हुए एक साक्षात्कार में बताया कि उनका घर नोएडा में था और नौकरी गुड़गांव में. ऐसे में काफी समय आने-जाने में लग जाता था. काजल विप्रो कंपनी की अपनी नौकरी भी नहीं छोड़ सकती थी. ऐसे में वह कैब से आते-जाते समय रास्ते में पढ़ाई करती थीं. करीब तीन घंटे का समय उन्हें इसमें मिलता था. इस पीरियड में वे बेसिकली वह विषय चुनती थीं, जिसमें बहुत एकाग्रता नहीं चाहिये.

जैसे करेंट अफेयर्स के लिये न्यूज पेपर और मैगजीन पढ़ने का काम वे इस समय करती थीं. घर आने के बाद उनके पास पढ़ने के लिये एक-डेढ़ घंटे से अधिक का समय नहीं बचता था पर इस टाइम पर वे पूरी एकाग्रता से पढ़ती थीं. इसके साथ ही वीकेंड्स पर वे अपना पूरा-पूरा समय पढ़ाई पर खर्च करती थीं.

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...

Exit mobile version