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किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या ,सुसाइट नोट में सरकार को ठहराया जिम्मेदार

किसान आंदोलन: गाजीपुर बॉर्डर पर किसान ने की आत्महत्या ,सुसाइट नोट में सरकार को ठहराया जिम्मेदार

पिछले एक महीने से लगातार कृषि कानून के विरोध में किसान आंदोलन जारी है। अभी तक किसान और सरकार के बीच समझौते को लेकर जो भी बातचीत हुई उससे किसान संतुष्ट नहीं दिख रहे है। इसी बीच बीच शनिवार सुबह उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर किसान सरदार कश्मीर सिंह ने फांसी लगा ली। सूत्रों के अनुसार किसान ने सुसाइड नोट भी लिखा है, सुसाइड नोट में आत्महत्या का जिम्मेदार सरकार को बताया है। किसान उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले में बिलासपुर निवासी है।

दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर दाह संस्कार की जताई इच्छा

इस बात की पुष्टि भारतीय किसान यूनियन ने की है कि शनिवार सुबह यूपी गेट पर सरदार कश्मीर सिंह लाडी बिलासपुर, रामपुर ने शौचालय में जाकर आत्महत्या कर ली है। सुसाइड नोट में आत्महत्या के लिए सरकार को जिम्मेदार बताया है। नोट में लिखा कि उनका अंतिम संस्कार पोते और बच्चों के हाथों दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही होना चाहिए। उनके परिजन भी आंदोलन में शामिल हैं।

सुसाइड नोट में लिखा-

सुसाइड नोट पुलिस के कब्जे में है। नोट में किसान ने सरकार को आत्महत्या का जिम्मेदार बताया है। लिखा है कि आखिर कब तक सभी किसान यहां सर्दी में बैठे रहेंगे। नोट में किसान ने यह भी लिखा है कि सरकार किसानों की सुन नहीं रही है इसलिए जान दे रहा हूं, जिससे कोई हल निकल सके। इसलिए उन्होंने दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर ही अंतिम संस्कार की इच्छा जताई थी। किसान नेताओं ने पुलिस से अपील की है कि मृतक किसान का पोस्टमार्टम न करे बल्कि पंचनामा भरकर उसका शव परिजनों के हवाले कर दिया जाए। अब किसान का परिवार उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव के लिए लेकर रवाना हो गया है। वही किसान नेता राकेश टिकैत ने इसे काफी दुखद बताया है और उन्होंने कहा है कि वो किसानों को समझा रहे हैं कि इस तरह का कदम न उठाएं। उनका यह भी कहना है कि 4 जनवरी को सरकार से होने वाली वार्ता में वो एमएसपी पर कानून और इस बिल को वापस लेने की बात होगी।

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