सौरव गांगुली भारत के एक महान कप्तान और खिलाड़ी रहें हैं और अब सौरव गांगुली बीसीसीआई के अध्यक्ष भी हैं. सौरव गांगुली ने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदलने में अहम भुमिका निभाई और भारतीय क्रिकेट को दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीम बनाने का बड़ा काम किया. सौरव गांगुली ने भारतीय टीम को काफी आक्रमक बनाया और विदेशों में जितना सिखाया.
सौरव गांगुली के 5 ऐसी बातों के बारें में आज हम आपको बताएंगे जिसने भारतीय क्रिकेट की तस्वीर बदल दी.
5. लॉर्ड्स में टी शर्ट उतारना
साल 2002 में भारत ने इंग्लैंड को लॉर्ड्स के एतिहासिक स्टेडियम में नेटवेस्ट ट्रॉफी के फाइनल में हराकर कमाल किया था. 325 रनों का लक्ष्य हासिल करके भारत ने ये फाइनल जीता था जो सबसे ज्यादा सौरव गांगुली के लॉर्ड्स के बालकनी से टी शर्ट उतारने की वजह से ज्यादा चर्चा में रहा हैं. सौरव गांगुली ने टी शर्ट उतारकर अपनी दादागिरी दिखाई थी जिसके बाद में भारतीय क्रिकेट की तस्वीर ही बदल गयी.
4. टॉस के लिए कराया स्टिव वॉ को इंतजार
सौरव गांगुली को दादा ऐसे ही नहीं कहां जाता. दादागिरी के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने साल 2004 में स्टिव वॉ को टॉस के लिए इंतजार कराया था और काफी देर बाद टॉस करने आएं थे. इस वाकये से सौरव गांगुली की दादागिरी दिखी थी.
3. पौमी बांग्वा को भगाया था
साल 2002 में ही भारत और जिंबाब्वे के बीच वनडे मैच चल रहा था और मैच का आखिरी ओवर था, उस आखिरी ओवर में बल्लेबाज को संदेश देने के लिए पौमी बांग्वा मैदान पर पानी लेकर आएं थे, लेकिन गांगुली ने उनको मैदान से भगाया था.
2. ग्रैग चैपल को बनाया कोच
साल 2005 में जब जॉन राइट के बाद नया कोच चुनना था तब सौरव गांगुली कप्तान थे और उनके दबाव में बीसीसीआई को ग्रैग चैपल को कोच बनाना पड़ा था. वैसे बाद में ग्रैग चैपल ने ही सौरव गांगुली का करियर खराब किया, लेकिन ग्रैग चैपल को कोच सौरव गांगुली ने ही अपनी दादागिरी से बनाया था.
1. अपने पसंदीदा खिलाड़ी को विश्वकप खेलने लेकर गये थे
सौरव गांगुली की इतनी दादागिरी थी की उन्होंने साल 2003 के विश्वकप में वीवीएस लक्ष्मण की जगह पर दिनेश मोंगिया को चुना था. वैसे वीवीएस लक्ष्मण और दिनेश मोंगिया में से किसी एक को चुना जाना था, लेकिन गांगुली ने दादागिरी दिखाकर चयनकर्ताओं को झुकाया और दिनेश मोंगिया को चुना.