Sunil Gavaskar: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीन एकदिवसीय मैचों की श्रंखला का दूसरा मुकाबला कल विशाखापट्टनम में खेला गया। कंगारुओं ने यह मैच बिना कोई विकेट गंवाए 11वें ओवर में ही जीत लिया। इस मैच में टीम इंडिया के बल्लेबाजों का निराशाजनक प्रदर्शन देखने को मिला। वहीं, सूर्यकुमार यादव तो दूसरे ODI में बुरी तरह फेल साबित हुए।
सूर्यकुमार यादव का खराब फॉर्म इस मैच में भी बरकरार रहा और वह लगातार दूसरी बार शून्य पर आउट हुए। उनकी निरंतर असफलता को देखते हुए सुनिल गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने उनकी तकनीकी गलतियों का उजागर किया है। सुनिल गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने बल्लेबाजी कोच के साथ ज्यादा वक्त बिताने सहित कई महत्वपूर्ण सलाह दी है।
एकदिवसीय मैचों में अपना प्रभाव छोड़ने में नाकाम
टीम इंडिया के लिए टी20 मैचों में शानदार बल्लेबाजी करने वाले सूर्यकुमार यादव एकदिवसीय मैचों में अपनी छाप छोड़ने में नाकाम रहे हैं। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे तीन वनडे मैचों की सीरीज के दो मैचों में सूर्यकुमार यादव खाता भी नहीं खोल पाए और शून्य को स्कोर पर चलते बने। दाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने पिछले दस एकदिवसीय मुकाबलों में केवल 110 रन ही बना पाए हैं।
श्रेयस अय्यर की अनुपस्थिति में टीम इंडिया के लिए मध्यक्रम में मजबूती देने की जिम्मेदारी सूर्यकुमार यादव को मिली है हालांकि वह इसको निभा पाने में नाकाम रहे हैं। सुनिल गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने मैच के बाद उनकी तकनीक पर सवाल उठाए हैं।
“उसका बैटिंग स्टांस ही गलत है”
एकदिवसीय मैचों में सूर्यकुमार यादव के फ्लॉप होने के बाद उनकी कमियां खुलकर सामने आई हैं। जैसा प्रदर्शन उन्होंने टी20 मैचों में किया है वैसा प्रदर्शन वह वनडे मुकाबलों में करने में नाकाम रहे हैं। पिछले 22 वनडे मैचों में उन्होंने केवल 25.47 की औसत से 422 रन ही बनाए हैं जोकि उनकी प्रतिभा के साथ बिल्कुल न्याय नहीं करता। इसी बीच पूर्व भारतीय दिग्गज क्रिकेटर सुनिल गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने उनकी खामियों को उजागर करने का काम किया है और उन्हें सही सलाह देते हुए कहा है,
“वह तकनीकी कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा उनका स्टान्स भी खुला है। यह टी20 क्रिकेट के लिए अच्छा है क्योंकि कोई भी गेंद जो ओवरपिच होगी, उसे फ्लिक करके छक्का लगा सकते हैं। लेकिन वनडे में, जब गेंद को पैर के ठीक पास रखा जाता है, तो इस स्टान्स के साथ, बल्ला निश्चित रूप से अक्रॉस आएगा।
यह सीधे नहीं आ सकता है। इसलिए, यदि गेंद अंदर स्विंग होती है, तो उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ेगा। उन्हें बल्लेबाजी कोच के साथ समय बिताने की जरूरत है कि इससे कैसे बाहर आना है।”
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