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टीचर से IVF से मां बनने तक नीता अंबानी के सफर में मुकेश ने दिया हमेशा साथ

मुकेश अंबानी की समधन भी खूबसूरती के मामले में नही है किसी से कम
मुकेश अंबानी की समधन भी खूबसूरती के मामले में नही है किसी से कम

मुंबई: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने बीते कुछ सालों में भारत के सबसे अमीर व्यक्ति के साथ ही दुनिया के टॉप-10 अमीरों में भी जगह बना ली है। जहां एक तरफ मुकेश अंबानी ने अपनी कंपनियों के प्रोजेक्ट्स का जिम्मा अपने बेटे आकाश और बेटी ईशा को सौंप रखा है। तो वहीं दूसरी तरफ मुकेश की पत्नी नीता अंबानी भी कंपनी के स्पोर्ट्स बिजनेस को लेकर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाती हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस सफर में नीता अंबानी का बहुत योगदान रहा है।

मुकेश ने हमेशा मेरा समर्थन किया: नीता अंबानी

बता दें कि साल 1985 में नीता और मुकेश की शादी हुई थी। नीता का पालन पोषण मुंबई में ही एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ है। नीता के पिता बिड़ला ग्रुप के एक अधिकारी थे। नीता ने कॉमर्स से ग्रेजुएशन कर रखा है। नीता के मुताबिक, जब उनकी मुकेश से शादी होने वाली थी, उस वक्त उन्होंने इस बात को स्पष्ट रूप से कह दिया था कि वे घर में सिर्फ एक दिखावे की चीज बनकर नहीं रह सकतीं हैं।

जिसके चलते नीता ने शादी के बाद स्पेशल एजुकेशन से डिप्लोमा किया और कई सालों तक एक टीचर के रूप में काम किया। आगे नीता अंबानी कहती हैं कि “बहुत से लोग ऐसा सोचते थे कि आखिर मैं काम क्यों कर रही हूं, पर मुकेश ने हमेशा मेरा साथ दिया है।”

खुद के जन्म को लेकर ईशा ने किया था ये खुलासा

बिजनेस टायकून मुकेश अंबानी और नीता अंबानी की बेटी ईशा अंबानी  ने अपने जन्म को लेकर बड़ा खुलासा किया था। एक मैगजीन को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे और उनके जुड़वां भाई आकाश IVF बेबी हैं। ईशा कहती हैं कि, “मेरे पेरेंट्स की शादी के 7 साल बाद हम भाई-बहन का जन्म IVF के जरिए हुआ।

जब हम दोनों का जन्म हुआ, तो शुरुआत में मॉम पूरी तरह मम्मी बनकर रहना चाहती थी। लेकिन जब हम 5 साल के हो गए थे, तो वे काम पर वापस लौट गईं।” वहीं नीता अंबानी खुद कहती हैं कि जब साल 1991 में उनके बच्चों का प्रीमैच्योर जन्म हुआ था, तब उस कठिन वक्त में मुकेश ने काम से ब्रेक ले लिया था।

बताया जाता है कि मुकेश अंबानी ने गुजरात के जामनगर में कंपनी के स्टाफ के लिए टाउनशिप के निर्माण के लिए नीता की मदद मांगी थी। इसी जगह पर रिलायंस रिफाइनिंग कॉम्प्लेक्स का भी निर्माण जारी था। नीता के अनुसार, उनके पास काम का कोई अनुभव नहीं था। इसके बावजूद, उन्होंने इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी संभाली और अगले तीन साल तक हर हफ्ते 2 बार साइट का दौरा कर काम पूरा कराया।

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