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रोज 5 हजार बैठक और 40 साथियों के साथ कुश्ती, जानें कौन थे गामा पहलवान जिन्हें गूगल ने डूडल बनाकर दिया सम्मान

Gama Pehalwan

Gama Pehalwan: भारत में कुश्ती और पहलवानी सदियों से चली आ रही है। जहां अब तक कई ऐसे पहलवान देखे गए है जिन्होंने अपनी पहलवानी से भारत का नाम और भी रोशन किया। लेकिन इन सब में से एक पहलवान ऐसा था जिसकी चर्चा आज भी की जाती है, बता दें इस पहलवान ने कभी एक भी मुकाबला नहीं हारा, वहीं हर घर में इस पहलवान का उदाहरण अक्सर दिया जाता है। ये और कोई नहीं Gama Pehalwan ही है, जिनका कद कितना बड़ा था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जन्मदिन के मौके पर गूगल ने भी डूडल बनाकर उन्हें सम्मान दिया है। आइये इस आर्टिकल के जरिए बताते है Gama Pehalwan के बारे में…

Gama Pehalwan ने कभी नहीं हारा कोई मुकाबला

दरअसल हाल ही में Google ने Doodle के जरिए से भारतीय पहलवान द ग्रेट गामा पहलवान को सलामी दी है। गामा एक ऐसे पहलवान थे, जिनका नाम न केवल भारत में गूंजा, बल्कि उनसे लड़ने में कुश्ती में सबसे ताकतवर देश ब्रिटेन सहित दुनियाभर के तमाम बड़े देशों के चैंपियन पहलवानों की पतलून घिली हो जाती थी।

बता दें भारत की आन बान शान गामा ने 50 सालों तक अखाड़े का गौरव बढ़ाया और आपको जानकार हैरानी होगी कि उन्होंने अपने पूरे करियर में कभी भी एक भी मुकाबला नहीं हारा। वहीं गामा (Gama Pehalwan) का जन्म 22 मई 1878 को अमृतसर में हुआ था, इनके बचपन का नाम गुलाम मुहम्मद था। लेकिन एक किस्सा इनकी जिंदगी से जुड़ा एक किस्सा काफी सुर्खियों में रहा है। बता दें भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय यानी साल 1947 के बाद गामा पहलवान भारत के नहीं बल्कि पाकिस्तान के हो गए थे। लेकिन साल 1947 से पहले तक गामा पहलवान ने भारत का नाम पूरी दुनिया में ऊंचा किया है।

Gama ने भारत का नाम किया रोशन

5 फुट 7 इंच के औसत हाइट वाले गामा पहलवान (Gama Pehalwan) उस दौर में लगभग हर लंबे पहलवान को धूल चटाई थी. गामा पहलवान को रुस्तम-ए-हिन्द (Rustam-e-Hind) का खिताब भी मिला था. वो वर्ल्ड चैंपियन (Wrestling world champion) भी बने थे. गामा पहलवान की मृत्यु 23 मई 1960 को पाकिस्तान के लाहौर में हुई थी. वे लंबे वक्त से बीमार थे.

ऐसी थी गामा पहलवान की डाइट

बता दें गामा पहलवान (Gama Pehalwan) जितने ताकतवर थे, उतना वह अपनी डाइट पर भी खास ध्यान रखते थे। वह डाइट में 6 देसी चिकन, 10 लीटर दूध, आधा किलो घी और बादाम का शरबत और 100 रोटी लेते थे और रोज 15 घंटे प्रैक्टिस करते थे। वे हर दिन 3000 बैठक और 1500 दंड किया करते थे। बताया जाता है कि गामा पहलवान ने एक भारी भरकम पत्थर को डंबल बनाया हुआ था. इसका खुलासा ‘The Wrestler’s Body: Identity and Ideology in North India’ नाम से किताब में लिखा गया है।

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