Gautam Gambhir: भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) को अपने बेबाक बयानों के लिए जाना जाता है। उनके मन में जो भी होता है, वो उसे बिना किसी फ़िल्टर से सीधे – सीधे बोल देते हैं। इसके कारण कई बार उन्हें आलोचनाओं का सामना भी करना पड़ता है। इसी क्रम में गौतम ने अपने क्रिकेट करियर के शुरुआती दौर के किस्से सुनाते हुए बताया कि कैसे एक बार उन्हें सेलेक्टर के पैर नहीं छूने पर टीम से बाहर कर दिया गया। आइये आपको गौतम गंभीर का पूरा बयान बताते हैं।
पैर नहीं छूना पड़ा था Gautam Gambhir को भारी
42 साल के गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने रविचंद्रन अश्विन के यूट्यूब चैनल पर अपलोड एक वीडियो में बताया कि अंडर 14 के दिनों में एक सेलेक्टर के पैर नहीं छूने पर उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। गौतम ने कहा,
“जब मैं बड़ा हो रहा था। 12 या 13 साल का था, तब मैंने पहली बार अंडर-14 टूर्नामेंट के लिए ट्रायल दिए। मेरा सलेक्शन नहीं हुआ, क्योंकि मैंने सेलेक्टर के पैर नहीं छुए थे। उस समय मैंने खुद से वादा किया कि मैं कभी किसी के पैर नहीं छुऊंगा और ना ही कभी किसी को अपने पैर छूने दूंगा।”
यह भी पढ़ें: ‘मां के लिए कुछ भी’ 33 महीनों के बाद यश दयाल ने लगाया जख्मों पर मरहम, पिता का दिल भी ख़ुशी से हुआ गदगद
परिवार ने बनाया था क्रिकेट छोड़ने का दबाव
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने यह भी बताया कि परिवार ने उन पर क्रिकेट छोड़ फैमिली बिजनेस करने का भी दबाव बनाया था। उन्होंने कहा, “अंडर-16, अंडर-19, रणजी ट्रॉफी हो या फिर इंटरनेशनल करियर की शुरुआत, जब हर बार मैं असफल होता, तो लोग कहते कि आप एक ऐसे परिवार से आते हैं, जहां आपके पास विकल्प हैं। क्रिकेट खेलने की जरूरत नहीं है। आप परिवार का बिजनेस संभाल सकते हैं। यह सोच मेरे सिर पर लटकी हुई थी। मैं इस सोच को हराना चाहता था।”
शानदार रहा Gautam Gambhir का करियर
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) का क्रिकेट करियर शानदार रहा। उन्होंने भारत का टेस्ट, वनडे और टी20 तीनों प्रारूपों में समर्थन किया। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 58 टेस्ट में 41.96 की औसत से 4154 रन बनाए। वहीं, 147 वनडे में उन्होंने 39.68 की एवरेज से 5228 रन और 37 टी20 में 932 रन बनाए। इस दौरान गौतम ने 20 शतक और 63 अर्धशतक जड़े हैं।
यह भी पढ़ें: पाकिस्तान को रुलाने वाली टीम को नीदरलैंड ने याद दिलाई नानी, रोमांचक मुकाबले में महज 1 रन से मिली हार