जालौन- उत्तर प्रदेश में पुलिस निरंकुश हो गई है। जिस पुलिस पर कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी होती है वही कानून की धज्जियां उड़ाने में मशगूल है। ताजा मामला जालौन जिले का है जहां पुलिस कार्रवाई से परेशान होकर एक युवती ने फांसी लगाकर आत्महत्या की। युवती द्वारा आत्महत्या करने की जानकारी जब परिजनों को हुई तो उन्होंने कोतवाली में जमकर हंगामा किया। परिजनों ने दरोगा पर पिटाई करने आरोप लगाया है तथा पुलिसकर्मी के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है। परिजनों के हंगामे को देखते हुए सीओ मौके पर पहुंचे और शिकायत पर दरोगा के खिलाफ जांच का आश्वासन दिया।
ये है मामला
रामनगर निवासी कल्लू पल्लेदार की 21 वर्षीय बेटी नीशू शुक्रवार दोपहर अपनी दो सहेलियों के साथ बलदाऊ चौक के पास स्थित मोबाइल की दुकान पर मोबाइल ठीक कराने गई थी। पुलिस के मुताबिक तभी क्षेत्र के दुकानदारों ने कोतवाली आकर पुलिस को बताया कि दो दिन पूर्व दुकान से पर्स चोरी हुआ था, जिसमें इन्हीं लड़कियों का हाथ है। इस पर पुलिस की जीप मोबाइल की दुकान पर पहुंची और नीशू समेत उसकी सहेलियों को लेकर उरई कोतवाली आ गई।
लड़कियों ने अपने निर्दोष होने की खूब दुहाई दी पर पुलिस ने एक न सुनी। नीशू के परिजनों का आरोप है कि पुलिस करीब दो बजे नीशू को लेकर कोतवाली आई और बंद कमरे में पुलिस वाले बेटी व उसकी सहेलियों के साथ अभद्रता व मारपीट करते रहे। पानी तक पीने को न दिया।
सिर्फ एक महिला सिपाही के भरोसे होती रही पूछताछ
जिस कमरे में नीशू और उसकी सहेलियों से पूछताछ हो रही थी उस कमरे में सिर्फ एक महिला सिपाही थी बाकी पुरुष पुलिसकर्मी ही थे। जबकि नियमों के मुताबिक पूछताछ महिला कर्मी कर सकती है। तीन बजे के आसपास सूचना पाकर लड़कियों के परिजनों की भीड़ भी कोतवाली पहुंच गई थी।
इसके बाद रात दस बजे यह कहकर नीशू व उसकी सहेलियों को छोड़ा गया कि शनिवार को पूछताछ के लिए दोबारा कोतवाली आना पड़ेगा। इस बात से नीशू काफी डर गई। नीशू की मां लौंगन देवी का कहना है कि शनिवार सुबह अपनी छोटी बहनों के साथ कमरे में सो रही नीशू ने दुपट्टे का फंदा बनाकर फांसी लगाकर जान देने का प्रयास किया किसी तरह उसे फंदे से उतारा गया और अस्पताल लेकर भागे पर रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।