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शेयर बाजार में तेजी से क्या बढ़ेगा सोना और चांदी का दाम, जानिए

शेयर बाजार में तेजी से क्या बढ़ेगा सोना और चांदी का दाम, जानिए

कोरोना के वजह से शेयर बाजार में तगड़ी गिरावट देखने को मिली है। लेकिन अब धीरे धीरे लगातार उभर रहा है। वही कोरोना के बाद मजबूती से रिकवरी कर रहा है । और सोना अपनी आल टाइम छू कर वापिश चुका। सोने की कीमत में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिल रहा है। वही अब ये सवाल है कि सोना क्या पहले जैसे स्थिति में वापस आएगा।  क्योंकि ये हमेसा देखा गया है कि शेयर बाजार मजबूत होता है तो सोना कमजोर होता है। ठीक शेयर बाजार और सोना का बाजार में उतार चढ़ाव उल्टा होता है। तो क्या अब भी सोना सस्ता होगा। वहीं जनवरी में सेंसेक्स 41 हजार के करीब है, तब सोने की कीमत 41 हजार के करीब थी।

सोने चाँदी में जाने कितनी गिरावट –

वायदा बाजार में 7 अगस्त को सोना अपना उच्च स्तर छुआ था और प्रति 10 ग्राम की कीमत 56200 रु हो गया था। वही पिछले गुरुवार को सोना 50286 रु प्रति 10 ग्राम के स्तर पर हुआ। मतलब सोने में 5914 रु की गिरावट तब से लेकर अब तक हो चुका है। वही चाँदी 7 अगस्त को आल टाइम हाई के करीब 16 हजार रुपये तक टूटा है।

एक्सपर्ट द्वारा बताया गया कि जारी रहेगा उतार चढ़ाव-

एक्सपर्ट की माने तो सोने की बाजार में उतार चढ़ाव रहेगा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंसियल सविर्सिज के जिंस शोध के उपाध्यक्ष नवनीत दमानी कहते हैं कि सोना ऊंचाई से गिरकर 50 हजार रुपये के दायरे में आया है, जबकि चांदी 60 हजार रुपये के दायरे में आ चुकी है। आने वाले दिनों में भी उतार चढ़ाव जारी रह सकता है।

केडिया कैपिटल के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना हैं कि स्टिमुलस पैकेज ने शेयर बाजारों के लिए स्टेरॉयड का काम किया। इसी की वजह से शेयर बाजार में तेजी आई है, लेकिन इसे नेचुरल नहीं कहा जा सकता।

सोना सस्ता होगा या महंगा-

पिछले दो महीने में रुपये में आई मजबूती की वजह से सोने में गिरावट देखने को मिली है। अभी रुपये 73-74 रु प्रति डॉलर तक मजबूत हो चुका है। जो पिछले महीने पहले 76-77 रु कमजोर हो गया था। अगर डॉलर फिर से मजबूत होता है तो सोने में लांग टर्म में मजबूती देखने को मिलेगी और डॉलर को फिर से मजबूत बनाना तय है। यानी सोना अगले साल तक 60-70 हजार प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकता है।

सोना और सेंसेक्स की तुलना-

बात करे सेंसेक्स की तो 24 फरवरी 2020 को सोना 41 हजार प्रति 10 ग्राम के स्तर पर था और सेंसेक्स 40363 के स्तर पर था।15 मई को सेंसेक्स गिरकर 27500 के करीब आ गया और सोना 47 हजार के ऊपर तक पहुंच गया। वहीं कोरोना के समय 7 अगस्त को सोना 56254 रु प्रति 10 ग्राम आल टाइ हाई छू लिया, जबकि सेंसेक्स रिकवर हो कर 37600 के स्तर पर पहुच गया। लेकिन 30 सितंबर को सोना गिरकर 50400 रु आ गया। जबकि सेंसेक्स 38 हजार कर दायरे में है।

सोने की चमक मुसीबत के घड़ी में हमेशा बढ़ी है-

सोना मुसीबत के समय खूब चमका है। 2014 में सीरिया पर अमेरिका का खतरा मंडरा रहा था तब सोना आसमान छू लिया। हालांकि बाद में ये पुराने रेट पर आ गया। वही जब इराक और अमेरिका के बीच ट्रेंड वार की स्थिति बनी , तब भी सोने की कीमत में काफी बढ़ोतरी हुई थी।

कोरोना काल मे सोना वरदान साबित हुआ-

सोना हमेसा गहरे काल के लिये सम्पति मानी जाती है। कोविड के समय सोना एक बार फिर से रिकॉर्ड बना रहा है। और निवेशकों के लिये बेहतरीन साबित हो रहा है। वही एक्सपर्ट की माने तो सोना उतार चढ़ाव के बीच अभी कम से कम एक से डेढ़ साल तक ऊंचे स्तर पर बना रहेगा।

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