कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने शनिवार को विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया कि जो छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें बाद में एक और मौका दिया जाए। निशंक ने ट्विटर पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये परीक्षाएं ऑफलाइन पद्धति (पेन एवं पेपर)/ऑनलाइन/मिश्रित (ऑनलाइन + ऑफलाइन) किसी भी माध्यम से कराई जा सकती हैं। बता दें, UGC ने हाल ही में देशभर में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट फाइनल ईयर की एग्जाम के लिए गाइडलाइन जारी की है। दरअसल, कॉलेज-यूनिवर्सिटी की परीक्षाओं को लेकर स्टूडेंट्स और टीचर्स की तरफ से हो रहे भारी विरोध के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।वही कोरोना वायरस के चलते कई राज्यों में विश्वविद्यालय की परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं।
एक अन्य ट्वीट में निशंक ने लिखा, यह उनकी क्षमता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता का प्रतिबिंब है जो वैश्विक स्वीकार्यता के लिए आवश्यक है। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के शैक्षणिक हितों को देखते हुए UGC ने टर्मिनल सेमेस्टर की सभी परीक्षाएं 30 सितंबर, 2020 तक करने का दिशा निर्देश जारी किया है।
ट्वीट कर दी जानकारी –
एक अन्य ट्वीट में निशंक ने लिखा, यह उनकी क्षमता, प्रदर्शन और विश्वसनीयता का प्रतिबिंब है जो वैश्विक स्वीकार्यता के लिए आवश्यक है। बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के शैक्षणिक हितों को देखते हुए UGC ने टर्मिनल सेमेस्टर की सभी परीक्षाएं 30 सितंबर, 2020 तक करने का दिशा निर्देश जारी किया है। ट्वीट में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “यदि विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित परीक्षा में टर्मिनल सेमेस्टर/अंतिम वर्ष का कोई भी विद्यार्थी उपस्थित होने में असमर्थ रहता है, चाहे जो भी कारण रहा हो, तो उसे ऐसे पाठ्यक्रम(पाठ्यक्रमों)/प्रश्नपत्र(प्रश्नपत्रों) के लिए विशेष परीक्षाओं में बैठने का अवसर दिया जा सकता है।”
ये परीक्षाएं ऑफ़लाइन पद्धति(पेन एवं पेपर)/ऑनलाइन/मिश्रित (ऑनलाइन + ऑफ़लाइन) किसी भी माध्यम से कराई जा सकती हैं।
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 11, 2020