अयोध्या- 9 नंवबर को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अयोध्या में राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया था आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के साथ ही राम मंदिर का निर्माण आरम्भ हो गया है। अब ऐसे में सबके दिमाग में यही सवाल बार-बार आ रहे हैं कि आखिर कैसा होगा रामलला का मंदिर, इसे बनने में कितना समय लगेगा। आपको बता दें कि राम मंदिर के निर्माण में साल 2024 तक का समय लग सकता है।
लार्सन एंड टूब्रो कंपनी बना रही मंदिर
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट ने अयोध्या में मंदिर निर्माण का साढ़े तीन साल में हर हाल में बनाने का टारगेट रखा है। ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए लार्सन एंड टूब्रो कंपनी को काम सौंपा है। हालांकि, ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए 32 महीने के अंदर का वक्त दे रखा है, ताकि अगर कुछ थोड़ा बहुत काम रह जाए तो उसे बाकी समय में पूर कर लिया जाए।
10-12 हजार लोग एक बार में दर्शन कर सकेंगे
एक बार में दोनों तलों पर मिलाकर बात की जाए तो करीब 10-12 हजार लोग एक बार में दर्शन कर सकेंगे। भूतल बड़ा होगा। वहां करीब 6 से 8 हजार व्यक्ति एक बार में दर्शन कर सकेंगे। वहीं, पहले तल पर जहां राम दरबार होगा, वहां 4-5 हजार श्रद्धालु एक बार में दर्शन कर पायेंगे।
देशभर से लाईं गयीं शिलाओं से होगा निर्माण
देशभर में जिन-जिन जगहों पर शिला पूजन हुआ है, उन सभी शिलाओं का इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में किया जाएगा। इतना ही नहीं अयोध्या के कारसेवक पुरम में बनाई गई कार्यशाला में जो पत्थर तराश के रखे गए हैं, उनका भी इस्तेमाल राम मंदिर के निर्माण में होगा। इन शिलाओं और पत्थरों के अलावा भी अयोध्या के कारसेवक पुरम में हजारों हजार की संख्या में ईंट भी रखी हुई हैं, जिनको देश के अलग-अलग हिस्सों से आए श्रद्धालुओं ने अपनी श्रद्धा के तौर पर यहां पर रखा है।