बिहार चुनाव के लिए जेडीयू ने उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। गुप्तेश्वर पांडेय का नाम इस सूची में कहीं नहीं था। उसके बाद कयास लगने लगे कहीं बक्सर से बीजेपी इन्हें टिकट दे । लेकिन बीजेपी ने भी उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है। उसके बाद पांडेय जी की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। उसके बाद इनके समर्थकों ने सोशल मीडिया पे पूछने लगी क्या हुआ दबंग पाण्डेय जी का ?
राजनीति में आने के लिए लिया था वीआरएस
नौकरी से वीआरएस लेकर गुप्तेश्वर पांडेय ने राजनीति ज्वाइन की थी। उनके समर्थक उम्मीद कर रहे थे कि उन्हें बक्सर से टिकट मिलेगा। लेकिन पांडेय जी के हाथ खली रह गया । उसके बाद उनके समर्थक उनके फोन कर पूछ रहे हैं कि टिकट का क्या हुआ? समर्थकों के फोन से गुप्तेश्वर पांडेय परेशान हो गए हैं। उसके बाद फेसबुक पर उन्होंने सफाई दी है और समर्थकों से धीरज रखने के लिए कहा है।
उन्होंने कहा कि बिहार की जनता को मेरा जीवन समर्पित है। अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती और वहां के सभी जाति मजहब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों माताओं और नौजवानों को मेरा पैर छू कर प्रणाम! अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखें।
बाल्मीकि नगर से थी अंतिम उम्मीद
विधानसभा चुनाव के टिकट नहीं मिलने पर कयास लगाए जा रहे थे कि उन्हें वाल्मीकि नगर लोकसभा उपचुनाव से जेडीयू उम्मीदवार बनाए। लेकिन इस उम्मीद पर भी पानी फिर गया है। जेडीयू ने वाल्मीकि नगर के लिए भी उम्मीदवार घोषित कर दिया है। वहां से पूर्व सांसद वैद्यनाथ प्रसाद महतो के छोटे बेटे सुनील कुमार कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है।
जदयू-बीजेपी में हो चुका है सीटो का बटवारा
जेडीयू और बीजेपी के बीच गठबंधन और सीटों का बंटवारा फाइनल होने के साथ ही बीजेपी ने मंगलवार को बिहार चुनाव के पहले चरण के उम्मीदवारों के नामों की लिस्ट जारी कर दी थी। इस पहले बीजेपी-जेडीयू की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस नीतीश कुमार ने बताया कि कौन सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसमें जेडीयू को 122 सीटें मिली हैं। वहीं बीजेपी के खाते में 121 सीटें गई हैं। दोनों पार्टियों ने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी हैं |