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टीम इंडिया को लगा बड़ा झटका, हार्दिक पांड्या ने इस फॉर्मेट से किया संन्यास का फैसला

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Hardik Pandya : टीम इंडिया (Team India) के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने एक ऐसा फैसला लिया है, जिससे फैंस के बीच हलचल मच गई है। लगातार चोटों के कारण हार्दिक अब इस फॉर्मेट से आधिकारिक रूप से खुद को इससे अलग करने का संकेत दिया है।

उनका यह कदम भारत के लिए रणनीतिक रूप से एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि जब-जब उन्हें मौका मिला, उन्होंने बल्ले और गेंद दोनों से टीम को मजबूती दी।

 इस फॉर्मेट को अलविदा कहेंगे Hardik Pandya!

दरअसल हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) जिस फॉर्मेट को अलविदा कहेंगे, वह है टेस्ट प्रारूप। हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने सितंबर 2018 में आखिरी बार इस फॉर्मेट में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

इसके बाद से लगातार उनकी फिटनेस और टीम संयोजन को लेकर उन्हें मौका नहीं मिल पाया। कई बार वापसी की चर्चाएं जरूर हुईं, लेकिन वह हकीकत में नहीं बदल सकीं। इस दौरान उन्होंने खुद को सीमित प्रारूपों का विशेषज्ञ बनाकर अपनी अलग पहचान जरूर कायम की।

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करियर में किया संतुलित प्रदर्शन

अपने करियर में हार्दिक ने 11 मुकाबले खेले, जिसमें उन्होंने 532 रन बनाए और 17 विकेट भी झटके। उनकी बल्लेबाजी औसत 31.29 रही और सर्वश्रेष्ठ स्कोर 108 रन का रहा। गेंदबाजी में भी उन्होंने टीम को अहम ब्रेकथ्रू दिलाए, जिससे वह एक ऑलराउंडर के तौर पर उभरे।

संन्यास की नहीं की घोषणा, लेकिन फोकस सीमित प्रारूपों पर

दरअसल अभी हार्दिक की तरफ से टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की कोई खबर नहीं हैं, हालांकि वह लंबे समय से पूरी तरह से सीमित ओवरों के प्रारूपों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिससे कयास लगाए जाने लगे हैं कि वह टेस्ट को अलविदा कहेंगे।

चोटों और कार्यभार प्रबंधन को देखते हुए यह फैसला उनके करियर को लंबा खींचने में कारगर साबित हो सकती है, इससे वह अपने प्रमुख कौशलों पर अधिक ध्यान दे पाएंगे। हालांकि अब देखना है कि हार्दिक कब इस प्रारूप को अलविदा कहेंगे।

हार्दिक का यह रूख बताता है कि वे अब अपने करियर को नई दिशा देने की तैयारी में हैं। लगातार बदलते क्रिकेट शेड्यूल और फिटनेस चुनौतियों के बीच खिलाड़ियों का प्रारूप चुनना अब आम होता जा रहा है। ऐसे में हार्दिक का टेस्ट से दूरी बनाना एक सोची-समझी रणनीति के रूप में देखा जा सकता है।

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