भारतीय क्रिकेट टीम के धाकड़ ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) जो किसी भी मैच में अपनी मौजूदगी से एक अलग ही जान डाल देते हैं, इंग्लैंड दौरै से पहले उन्होंने टीम में शामिल होने के लिए एक बहुत बड़ी शर्त रख दी है. दरअसल हार्दिक ने टेस्ट फॉर्मेट में आखिरी मुकाबला 2018 में खेला था, जिसके बाद से ही वो इस फॉर्मेट से दूर है लेकिन अब सालों बाद वह वापसी का मन बना रहे हैं.
टेस्ट क्रिकेट खेलने के लिए Hardik Pandya ने रखी ये शर्त
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि टीम इंडिया में हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) के होने से भारत गेंदबाजी के साथ-साथ बल्लेबाजी में भी मजबूत नजर आता है, फिर चाहे वह कोई भी फॉर्मेट क्यों ना हो. टीम इंडिया को जून के महीने में जो इंग्लैंड का दौरा करना है उसमें हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) के खेलने की संभावना नजर आ रही है, लेकिन ऐसा तभी होगा जब मैनेजमेंट हार्दिक पांड्या की एक शर्त को मानेगी.
दरअसल रोहित शर्मा के संन्यास लेने के बाद शुभमन गिल का इस फॉर्मेट में कप्तान बनना तय नजर आ रहा है. यही वजह है कि उप कप्तान के रूप में हार्दिक पांड्या ने अहम जिम्मेदारी मांगी है, जिनके पास टीम का नेतृत्व करने की बेहतरीन क्षमता है. अगर उन्हें उप कप्तान के रूप में इंग्लैंड दौरे पर उतारा जाएगा तभी वह भारत के लिए खेलेंगे.
शर्त पूरा होने पर ही 8 साल बाद करेंगे टेस्ट में वापसी
साल 2017 में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने वाले हार्दिक ने साल 2018 में इंग्लैंड के खिलाफ आखिरी टेस्ट खेला जहां 7 साल बाद अब माना जा रहा है कि हार्दिक (Hardik Pandya) टेस्ट फॉर्मेट में वापसी करने के लिए अपने आप को तैयार कर चुके हैं, लेकिन ऐसा तभी होगा जब इंग्लैंड दौरे पर मैनेजमेंट उन्हें उप कप्तान के तौर पर उतारेगी. मई महीने के अंत में टीम इंडिया का ऐलान किया जा सकता है जिसके बाद ही यह स्पष्ट होगा की हार्दिक की शर्त को मैनेजमेंट कितनी तरजीह दे रही है.
टेस्ट में ऐसे हैं आंकड़े
टेस्ट फॉर्मेट में हार्दिक पांड्या (Hardik Pandya) ने ज्यादा मैच नहीं खेले हैं. केवल 11 मुकाबले में 18 पारी के दौरान हार्दिक ने 532 रन बनाए हैं. इस फॉर्मेट में हार्दिक पांड्या के नाम एक शतक और चार अर्धशतक भी दर्ज है. वहीं गेंदबाजी करते हुए 11 मुकाबले की 19 पारी में उन्होंने 17 विकेट भी लिए.