यूपी के हाथरस गैंगरेप मामले को लेकर सियासत गरम है. वहीं इस मामले को लेकर जिला प्रशासन के कई अधिकारियों को प्रदेश सरकार ने निलंबित कर दिया है। वहीं स्थानीय बीजेपी सांसद राजवीर सिंह दिलेर पर आरोप है कि वह रविवार को आरोपियों से मिलने जेल गए थे, लेकिन जेलर के कमरे से ही उन्हें बैरंग लौटा दिया गया है. जेल प्रशासन ने उन्हें मिलने की अनुमति नहीं दी. वही इस बात पर सांसद राजवीर दिलेर ने आरोपियों से मुलाकात करने की कोशिश पर सफाई दी है.
सांसद राजवीर दिलेर ने जेल को लेकर कही ये बात
बता दें कि हाथरस के सांसद राजवीर दिलेर ने कहा कि वह जेल गए थे, लेकिन किसी कैदी से वहां पर मुलाकात नहीं की. क्षेत्र की जनता के काम से एसएसपी आवास गया था और मुझे पता चला कि एसएसपी क्वारनटीन हैं. उनको कोरोना हो गया है. जब मैं वहां से वापस आ रहा था तो रास्ते में जेल पड़ती है. कुछ लोग जेल के गेट के सामने खड़े हुए थे. वह मुझसे बात करने लगे.
बीजेपी सांसद इन सब चीजों से कोई लेना देना नहीं
बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर के मुताबिक, तभी जेलर जेल के बाहर निकले और वो मेरे पास आ गए और खड़े होने के बाद उन्होंने चाय पीने के लिए आग्रह किया. तो मैं उनके साथ चला गया. मैंने एक कैदी के बारे में उनसे बात की थी. उसका आचरण सही है. महामहिम राष्ट्रपति को उसके बारे में लेटर भिजवा दीजिए. मैं फिर अपने घर आ गया.
बीजेपी सांसद राजवीर दिलेर ने कहा कि
“मैं जेल में किसी भी हाथरस मामले के आरोपी से नहीं मिला. हाथरस मामले से मेरा कोई लेना देना नहीं है मुझे इससे मत जोड़िए. मेरी किसी से कोई बातचीत नहीं हुई. ये मेरी राजनीति को खराब करने वाली बात है. मैं जेल में किसी आरोपी से मिलने नहीं गया.मेरा इन सब चीजों से कोई लेना देना नहीं है.”
यूपी सरकार का दावा दंगे की रची साजिश
इस बीच हाथरस गैंगरेप पीड़िता की इंसाफ की लड़ाई पर यूपी सरकार ने बड़ा दावा किया है. सरकार के मुताबिक हाथरस में पीड़िता को इंसाफ दिलाने की मुहिम के नाम पर कुछ लोगों ने बड़ी साजिश रची थी. इस दावे के पीछे जस्टिस फॉर हाथरस नाम की वेबसाइट है. आरोप है कि इस बेवसाइट का मकसद ही यूपी में जातीय दंगे कराकर योगी सरकार को बदनाम करना था.