Team India: भारतीय क्रिकेट में कई ऐसे खिलाड़ी आए, जिन्होंने शुरुआत में गजब का प्रदर्शन किया, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया। तेज गेंदबाजी की दुनिया में एक युवा खिलाड़ी ने अपनी रफ्तार और धार से सबको चौंका दिया था। उसके कुछ ही ओवरों में बल्लेबाजों की हालत खराब हो जाती थी और भारतीय टीम (Team India) को एक नई उम्मीद मिलती दिख रही थी। लेकिन अफसोस, यह चमक ज्यादा समय तक बरकरार नहीं रह पाई और कुछ ही मुकाबले खेलने के बाद यह खिलाड़ी टीम से बाहर हो गया।
चंद मुकाबले खेलकर हो गया बाहर
हम बात कर रहे हैं मयंक यादव की, जिन्हें भारतीय क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा था। आईपीएल में आते ही उन्होंने 150+ की रफ्तार से गेंदबाजी कर सभी का ध्यान खींचा था। उनकी गति और लाइन-लेंथ ने दिग्गजों को भी प्रभावित किया। लेकिन लगातार चोटों ने उनके करियर पर ब्रेक लगा दिया। भारत (Team India) के लिए कुछ ही मैच खेलने के बाद वह टीम से बाहर हो गए और फिर वापसी का रास्ता तलाशते रह गए।
मयंक यादव की सबसे बड़ी बदकिस्मती यही रही कि जब भी उन्हें मौका मिला, चोटों ने उन्हें पीछे धकेल दिया। चयनकर्ता भी धीरे-धीरे उन्हें नज़रअंदाज़ करने लगे और नए तेज गेंदबाज टीम में जगह बनाने लगे।
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किस्मत ने नहीं दिया साथ
आज की तारीख में मयंक यादव को भारतीय क्रिकेट (Team India) का सबसे बदकिस्मत खिलाड़ी माना जा रहा है। जिनके पास प्रतिभा की कोई कमी नहीं थी, लेकिन चोटों और हालात ने उन्हें वह मुकाम नहीं हासिल करने दिया, जिसकी वह पूरी तरह से क्षमता रखते थे।
ऐसे हैं आकड़ें
तेज़ गेंदबाज़ मयंक यादव का आंकड़ों पर नज़र डालें तो उन्होंने अभी तक भारत के लिए 3 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं, जिसमें 4 विकेट झटके। उनका बेस्ट प्रदर्शन 2/32 रहा है और 20.75 की औसत से उन्होंने गेंदबाजी की है।
घरेलू क्रिकेट में मयंक ने अब तक 1 फर्स्ट क्लास मैच खेला है, जिसमें 2 विकेट लिए। वहीं लिस्ट-A क्रिकेट में उनके नाम 17 मुकाबलों में 34 विकेट दर्ज हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 4/47 रहा। यहाँ उनका गेंदबाजी औसत मात्र 21.55 का है।
आईपीएल और घरेलू टी20 में उन्होंने 19 मैचों में 25 विकेट झटके हैं। जहाँ 18.20 की शानदार औसत और 7.43 की इकॉनमी उनके गेंदबाजी कौशल को दर्शाती है।