इस अभियान की शुरुआत पुलिस अधीक्षक ग्रामीण एसपी अनिल कुमार झा ने हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार के साथ मिलकर हरी झंडी दी.
जमानिया गाजीपुर उत्तर प्रदेश हिंदू महिला पीजी कॉलेज में बिना हेलमेट प्रतिदिन कॉलेज आने वाली छात्राओं को हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार ने सुरक्षा के लिए हेलमेट दिया. और यह भी कहा अगर भविष्य में किसी महिला छात्रा के साथ सड़क हादसा होती है तो उन्हें 5 लाख की आर्थिक सहायता दूंगा. सभी महिला छात्राओं को 5 लाख की दुर्घटना बीमा किया. हेलमेट मैन ने कहा, सरकार को भी ध्यान देना चाहिए नारी शक्ति की सुरक्षा के लिए कॉलेज में दाखिला लेते वक्त कॉलेज प्रबंधक की तरफ से सभी छात्राओं को हेलमेट देने का नियम लागू कर देना चाहिए. ताकि कोई छात्र बिना हेलमेट विद्यालय में प्रवेश ना करें.
वही महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ शरद कुमार डॉ अखिलेश शर्मा से कहा अपने विद्यालय में सभी छात्र छात्राओं को एडमिशन के समय फीस के अलावा जो अतिरिक्त रजिस्ट्रेशंस के नाम पर शुल्क ली जाती है उस राशि से सभी छात्र छात्राओं को हेलमेट देंगे तो भविष्य में सभी बच्चे सुरक्षित भी रहेंगे और अभिभावकों के साथ सड़कों पर दूसरे लोग भी जागरूक होंगे.
क्योंकि आज बहुत अभिभावक ऐसे भी हैं जो अपने बच्चे के लिए लाखों रुपए खर्च कर देते हैं महंगी गाड़ी भी दे देते हैं लेकिन सुरक्षा के लिए हेलमेट नहीं दे पाते. और इसका नतीजा यह हो रहा है भारत में प्रतिवर्ष डेढ़ लाख लोगों की मौत हो रही है और उसमें 50 हज़ार ऐसे लोग होते हैं जो अपने घर के सिंगल चिराग होते हैं. जिसमें हमारा एक मित्र भी था उसके माता-पिता ने सब कुछ दिया मगर एक हेलमेट की कमी की वजह से अपने इकलौते पुत्र को हमेशा के लिए खो दिया.
2014 में वह हादसा आज भी नहीं भूला हूं तब से हेलमेट मैन दूसरे घरों का चिराग बचाने के लिए पिछले 7 साल में भारत के अलग-अलग राज्यों में 48000 हेलमेट बांट चुके हैं.
जिन्हें हेलमेट देते हैं उनसे बदले में पुरानी पुस्तक मांगते हैं और अब तक 6 लाख गरीब बच्चों को निशुल्क पुस्तक भी दे चुके हैं. हेलमेट मैन ने कहा, सरकार प्रशासन द्वारा जागरूकता के लिए यातायात मंथ चलाया जाता है जो पहले दिन सड़कों पर जनता को गुलाब का फूल देते हैं और अगले दिन चालान वसूल करते हैं. इसका मतलब यह हुआ आप ऐसे ही जनता को फूल बनाते रहिए और राजस्व को भरने के लिए लगान वसूलते रहिए. इस नियम में बदलाव करना चाहिए अगर सरकार सही मायने में दुर्घटना को रोकना चाहती है जो भारत में सबसे ज्यादा बिना हेलमेट चलने वालों की मौत होती है. उन्हें रोकने के लिए चालान के बदले हेलमेट देना चाहिए. सरकार तक संदेश पहुंचाने के लिए हेलमेट मैन सड़कों पर लगातार उन्हें हेलमेट निशुल्क देते हैं जो चालान की रसीद दिखाता है.
अपने खर्च से पूरे उत्तर प्रदेश में महिला का चालान होता है अगर वह चालान की रसीद मुझे दिखाती है तो मैं उन्हें एक हेलमेट के साथ 5 लाख की दुर्घटना बीमा देने का संकल्प लिया है. बिना हेलमेट चलने वाले छात्र छात्राओं को उन्हें विद्यालय में हेलमेट देकर जागरूक करता रहूंगा. कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीण एसपी अनिल कुमार झा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा महिला अपना चुप्पी तोड़े और निडर होकर अपनी बात कहें तभी नारी शक्ति की मजबूती बढ़ेगी एक महिला का हौसला आज समाज के हजारों महिला को आगे बढ़ाता है.अनिल कुमार झा इससे पहले नोएडा में ट्रैफिक एसपी थे.
आयोजन में उपस्थित थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह महिला थाना श्रीमती ममता चौकी इंचार्ज अनिल पांडे, डॉक्टर अखिलेश शर्मा अमित सिंह राणा हिंदू महाविद्यालय के सभी शिक्षक गण और छात्र छात्राएं.
हेलमेट मैन ने कहा बिना हेलमेट किसी को शिक्षा लेने का अधिकार नहीं, नो हेलमेट नो कॉलेज.
महिला सुरक्षा और यातायात मजबूती के लिए हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार ने पुलिस अधीक्षक डॉ ओमप्रकाश सिंह एवं सिटी एसपी गोपीनाथ सोनी के साथ मिलकर हरी झंडी दी.राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय महुआ बाग गाजीपुर उत्तर प्रदेश में महिलाओं को हेलमेट के साथ पांच लाख का दुर्घटना बीमा दिया.और कहां भारत के 74 साल आजादी के बाद भी हमारे देश के युवा जब पुलिस सड़कों पर रोकती है तो लोग रुकने के बजाय भागने की कोशिश करते हैं. क्योंकि उनके सर पर हेलमेट नहीं होता है जबकि वह पढ़े लिखे होते हैं.
वह शिक्षा किस काम का जो प्रतिदिन कानून तोड़े जिसकी वजह से आज विश्व में सबसे ज्यादा मौत सड़क हादसों से भारत में होती है. पिछले साल 4 साल के बच्चों के ऊपर हेलमेट लगाने का संविधान में कानून पास हुआ. लेकिन वह कानून आज भी सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे पर रुका हुआ है. इस नियम की जागरूकता आज भी लोगों तक पहुंची नहीं है. हेलमेट मैन ने कहा आज अगर स्कूलों में ही हेलमेट देने का नियम बना दिया जाए तो बच्चों के साथ अभिभावकों में भी जागरूकता बढ़ेगी क्योंकि बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को स्कूल छोड़ते समय खुद भी हेलमेट का प्रयोग नहीं करते है.
जिस तरह स्कूल से ही ड्रेस झोला जूते ब्लेजर और किताब देने के लिए अनिवार्य किया जाता है उसी तरह स्कूल से ही बच्चों को हेलमेट देने का नियम होना चाहिए.
हेलमेट मैन पिछले 7 साल से कार्य कर रहे हैं जो लोगों से पुरानी पुस्तक लेकर आते उन्हें हेलमेट देते हैं अब तक भारत के अलग-अलग राज्यों में 48000 हेलमेट बांटकर 6 लाख गरीब बच्चों तक निशुल्क पुस्तकें दे चुके हैं. भारत को सड़क दुर्घटना मुक्त बनाने के लिए सभी नागरिक को साक्षर होना जरूरी है.
इसलिए सभी विद्यालयों में लगातार निशुल्क हेलमेट दे रहे हैं. और यह भी कहा जिस तरह कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं आज दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं सड़कों पर उसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन को भी होना चाहिए जो अपने कैंपस में किसी भी छात्र या छात्रा को बिना हेलमेट कैंपस में अनुमति नहीं देना चाहिए जो लोग टू व्हीलर का इस्तेमाल करते हैं.
एक तरफ सरकार महिला सुरक्षा की बात कर रही है वहीं दूसरी तरफ प्रतिदिन सैकड़ों महिला दुर्घटना की शिकार बन रही है हेलमेट नहीं होने की वजह से जान चली जाती है. क्योंकि सड़कों पर कोई पीछे बैठने वाली महिला बिना हेलमेट ही यात्रा करती रहती हैं. जो सरकार और प्रशासन के लिए भी चुनौती बना हुआ है.
इसे दूर करने के लिए हेलमेट मैन चाहते हैं उत्तर प्रदेश सरकार जिस तरह महिलाओं की सुरक्षा के लिए चिंतित है उन्हें सड़क सुरक्षा मजबूती के लिए पूरे उत्तर प्रदेश के महाविद्यालय में स्कूटी से आने वाली छात्राओं को बिना हेलमेट कॉलेज कैंपस में अनुमति नहीं देना चाहिए. जिसकी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन को होना चाहिए जो 90% अटेंडेंस की मांग करते हैं उसी तरह बच्चों के एडमिशन समय ही हेलमेट देने का नियम होना चाहिए. उसी उद्देश्य को लेकर महिला विद्यालय के सभी छात्राओं को हेलमेट देकर जागरूकता रैली निकाली जो कार्यक्रम में उपस्थित यातायात सीओ महमूद अली, सदर क्षेत्राधिकारी ओजस्वी चावला यातायात प्रभारी प्रवीण यादव, अमित सिंह राणा संदीप कश्यप प्रवीन सिंह आदि.
हेलमेट मैन को सड़क सुरक्षा का देवदूत मानते हैं लोग.
कैमूर रामगढ़ से भभुआ की तरफ जाने वाले एक ब्रेजा कार ने दो बाइक सवारों को मार दी टक्कर जिसमें 4 व्यक्ति घायल हो गए. दो महिला और दो पुरुष किसी ने भी हेलमेट नहीं पहना था इस वजह से सर में गंभीर चोट आई. वही कुछ मिनट पहले पीछे से हेलमेट मैन राघवेंद्र कुमार बाइक सवारों को हेलमेट देने के लिए रोक रहे थे मगर वह रुके ही नहीं गाड़ी आगे निकाल दी. तब तक कुछ दूरी पर ही भरखर पोखरे के पास दुर्घटना हो गई. पीछे से आ रहे हैं हेलमेट मैन ने देखा दुर्घटना की वजह से भीड़ लगी है मगर घायलों को कोई मदद नहीं कर रहा था उन्हें अस्पताल ले जाने के लिए. उसी वक्त हेलमेट मैन अपनी गाड़ी में बैठा कर मोहनिया सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया और डॉक्टर ने बनारस के लिए रेफर किया. सड़क पर कोई आपको हेलमेट दे रहा है सोचिए भगवान आप को बचाना चाहता है. इसलिए कभी भी बाइक चलाते समय सड़क पर हमेशा हेलमेट का प्रयोग करें.