ऐसा जरूरी नहीं होता की जो हम फिल्मों में देखते हैं वो हकिकत में नहीं हो सकता या उसे करना मुमकिन नहीं होता, बस उस काम को करने के लिए आप में हुनर होना चाहिए. एक ऐसा ही काम केरल के रहने वाले राकेश ने किया है. पेशे से राकेश मैकेनिकल इंजीनियर तो उन्हें गाड़ियों जैसे कार और स्पोर्ट्स बाइक का बहुत शौक़ है. लेकिन जब उसने इन गाड़ियों को खरीदना चाहा तो पैसों की तंगी में ऐसा मुमकिन नही हो पाया.
इस बीच राकेश ने खूद से एक कार बना डाली जिसे वो वॉल्सवैगन (volkswagen) भी कहते हैं. लेकिन इसमें हैरानी इस बात की है कि इस कार को बनाने में राकेश को सिर्फ 40 हजार की लागत लगी और उसनें इतनी अच्छी कार बना डाली, तो आइए एक बार राकेश की इस क्रिएटिविटी के बारे में इस आर्टिकल में डिटेल में जानते हैं..
बचपन से ही था वर्कशाप का शौक़
राकेश खूद से बताते हैं कि वह बचपन में अपने पिता के साथ वर्कशाप में जाकर काम देखा करते थे. जहां उनका जाने का यही मकसद होता था कि किसी तरह वो वर्कशाप में काम करने वाले कारीगरों से काम करने के तरीके और जानकारियां हासिल कर सकें और इसका फायदा राकेश को पहली बार तब हुआ जब उन्होनें खूद से जीप और बाइक (sports bike) बनाने की कोशिश की थी. हालांकि उस दौरान राकेश को अपने इस प्रयास में कामयाबी हाथ नही लग पाई थी. लेकिन उनका प्रयास जारी ही रहा क्योंकि राकेश का बचपन से ही मैकेनिकल में काफी शौक़ था.
40 हजार में तैयार कर दी कार
ऐसा माना जाता है कि राकेश को एक समय में वॉल्सवैगन कार (volkswagen car ) खरीदने की की बढ़ी चाह थी लेकिन पैसों की तंगी के चलते वे ऐसा नही कर पा रहे थे. ऐसे में उन्होनें अपने हुनर को जगाते हुए खुद ही कार को तैयार करने का निर्णय लिया और इसके लिए राकेश ने कार के कई पार्टस लाकर खुद ही उसे तैयार करना शुरू भी कर दिया, जिसमें ज्यादातर पार्टस उन्होंने अपने पिता की वर्कशाप से लिए,पीले रंग की ये volkswagen कार देखने में काफी अच्छी थी.
राकेश ने यह कार सिर्फ छह माह में बनाकर तैयार कर दी और इस बारे में वो खूद बताते है कि कार का जो पहला मॉडल था वह पैडल मार कर शुरू होता था लेकिन दूसरे मॉडल में उन्होंने सेल्फ स्टार्ट सिस्टम डिजाइन कर लिया।
40 की स्पीड और 30 का एवरेज देती है कार
इसके अलावा इस volkswagen कार की बात करें तो इसके बारे में राकेश बताता है कि कार की अधिकतम स्पीड 40 किमी प्रति घंटा है साथ ही यह कार 30 किलोमीटर का एवरेज देती है. इस कार के पेट्रोल की कैपसिटी 4 लीटर है. राकेश एक प्राइवेट कंपनी में मैकेनिक के तौर पर काम करते है तो वह बताते है इस कार को तीन माह मेंं भी तैयार किया जा सकता है.