पति के मौत के बाद बेसहारा हुयी दिव्यांग रमा देवी ने 2 साल तक भीख मांग कर किया गुजारा, लेकिन बच्चों की पढाई में नहीं आने दी कमी, आज सोशल मीडिया पर लाखों लोगों के लिए प्रेरणा बन गयी है हैदराबाद की रमा देवी. पोलियों की वजह से बचपन में ही खो दिए पैर और हो गयी दिव्यांग. आइये जानते है कैसे रमा देवी ने अपनी मेहनत और जीने की लगन से अपने लिए रोजगार बनाया. आप भी पढ़िये इनकी प्रेरणादायक कहानी
हैदराबाद : प्रेरणाओं से भरी रमा देवी की कहानी
पैरों से दिव्यांग रमा देवी की कहानी सुनकर हर कोई उनसे प्रेरित हो सकता है. उनके पति की मौत 2 साल पहले हो गई थी. जिसके बाद वह बिल्कुल बेसहारा हो गई और उन्हें भीख तक मांगनी पड़ गई, लेकिन उन्होंने अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं होने दी और उन्हें स्कूल भेजा. रामादेवी के मुताबिक उन्होंने बहुत ही कम उम्र में अपने पैरों की चलने की क्षमता खो दी थी क्योंकि उन्हें पोलियो हो गया था.
दो साल तक भीख मांगने के पश्चात् रमा देवी ने अपनी मेहनत से खुद की फ्रूट ट्रॉली स्थापित पर कर ली है, और आज खुद की मेहनत से हैदराबाद में अपना और अपने बच्चों का पेट पाल रही है. लेकिन गरीबी से लाचार दिव्यांग के लिए इतना कर पाना भी बेहद मुश्किल रहा.
लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी पढाई का साथ नहीं छोड़ा. उन्होंने बताया की वो पैदा होते हीं अनाथ हो गयी थी, जिसके बाद उनको एक परिवार ने गोद ले लिया था. और उन्होंने अपनी इंटर की पढाई पूरी कर ली. वो कहती है, ”मैंने अपना दसवीं कक्षा जिला परिषद हाई स्कूल और इंटरमीडिएट तेलंगाना राज्य के नलगोंडा में गवर्नमेंट जूनियर कॉलेज से किया है”
पति की मौत के बाद भीख मांग कर बच्चो को पढ़ाया
शादी के 7 साल के बाद उनके पति की मौत हो गयी जिसके बाद उनको 2 साल तक हैदराबाद में भीख मांगनी पड़ी थी. लेकिन उन्होंने अपने बच्चों को स्कूल भेजा. रमा ने अपने संघर्स की कहानी बताते हुए कहा,
”मैंने दो साल पहले अपने पति को खो दिया था. उनके साथ मैं बहुत खुश थी लेकिन पति के जाने के बाद वह बेसहारा हो गईं.मैंने अपने और अपने तीन बच्चों को पालने के लिए भीख मांगकर पैसे जुटाना शुरू किया. दो साल तक मैं हैदराबाद की सड़कों पर भीख मांगती रह .
जब मैं सड़क पर भीख मांगती थी तो सड़कों पर खुद को खींचने के दौरान पैरों और हाथों से खून बहने लगता था, ये देख एक अनजान व्यक्ति द्वारा व्हीलचेयर की पेशकश की गई .मैंने अपने बच्चों को दो साल के लिए स्कूल भेजा, हालाँकि मैं भीख माँग रही थी और अब भी, मेरे बच्चे पढ़ रहे हैं”
आत्महत्या करने की कोशिश भी की लेकिन बच गयी
जिंदगी के दुखों से परेशान होकर रमा देवी ने कई बार मौत को गले लगाने की कोशिश भी की लेकिन शाद ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था.
शेख अफसार नामक एक स्थानीय दुकानदार ने रमा देवी के बारे में कहा, ”पिछले दो सालों से रमा देवी भीख मांग रही थी और हम उसकी हालत देखकर दंग रह जाते थे। अब हम खुश हैं कि वह अपने व्यवसाय में लगी हुई है” इसके साथ ही रमा देवी आज सोशल मीडिया पर प्रेरणा का श्रोत बनी हुयी है. लोग उनकी हिम्मत को सलाम कर रहे है.
Telangana: Rama Devi, a differently-abled woman from Hyderabad has started selling fruits to sustain her livelihood.
She says, "I lost my husband two years ago and I have three children. For two years, I begged on streets, but now I have set up my business." (28.10.2020) pic.twitter.com/6ZjUbt0UAG
— ANI (@ANI) October 28, 2020
HINDNOW.COM हैदराबाद की रमा देवी की हिम्मत को सलाम करता है, और उनके ओर उनके परिवार की मंगल कामना करता है. ऐसी ही प्रेरणादायक कहानियों से रूबरू होने लिए बने रहिये HINDNOW.COM के साथ.