MS Dhoni: इंडियन प्रीमियर लीग 2025 का 52वां मुकाबला शनिवार को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला गया। इस मैच में सीएसके को 2 रन से हार का मुंह देखना पड़ा है। पहले बल्लेबाजी करते हुए आरसीबी ने 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 213 रन बनाए, जवाब में सीएसके की टीम 20ओवर में 5 विकेट गवां कर 211 रन ही बना सकी। इस हार के बार चेन्नई के कप्तान एम एस धोनी (MS Dhoni) काफी निराश दिखे और उन्होंने खुद को इस हार का जिम्मेदार ठहराया है। तो आइए जानते हैं विस्तार से क्या बोले धोनी….
हार के बाद निराश नजर आए MS Dhoni
आरसीबी से दो रन से हराने के बाद सीएसके के कप्तान एम एस धोनी (MS Dhoni) बेहद निराश नजर आए है। उन्होंने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में खुद हो गुनहगार बताते हुए कहा कि,‘जब मैं बल्लेबाजी करने गया, तो जिस तरह की गेंदें और रन की जरूरत थी, मुझे लगा कि मुझे दबाव कम करने के लिए कुछ और शॉट खेलने चाहिए थे। मैं दोष लेता हूँ। उन्होंने अच्छी शुरुआत की, बीच में हमने वापसी की, लेकिन रोमारियो शेफर्ड शानदार थे। गेंदबाजों ने जो भी गेंदबाजी की, वह अधिकतम रन बनाने में सक्षम था।’
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यॉर्कर का अधिक अभ्यास करने की जरूरत
माही ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि,‘हमें यॉर्कर का अधिक अभ्यास करने की जरूरत है। अक्सर ऐसा होता है कि जब बल्लेबाज कनेक्ट होने लगते हैं, तो आपको यॉर्कर पर निर्भर रहना पड़ता है। साथ ही गलती की संभावना (यॉर्कर प्रदान करते हैं) – इसलिए यदि आप एक सही यॉर्कर की तलाश में हैं, अगर ऐसा नहीं होता है, तो कम फुल टॉस अगली सबसे अच्छी चीज है। यह हिट करने के लिए सबसे कठिन गेंदों में से एक है।’
यॉर्कर पर की चर्चा
माही (MS Dhoni) ने आगे यॉर्कर पर चर्चा करते हुए कहा कि, ‘पथिराना जैसे खिलाड़ी, अगर यॉर्कर नहीं खेल पा रहे हैं, तो उनके पास गति है। वह बाउंसर फेंक सकते हैं और बल्लेबाज को उलझन में डाल सकते हैं। कई बार अगर वह यॉर्कर की तलाश में होते हैं, तो बल्लेबाज उसे लाइन में लगाने की कोशिश करते हैं और अगर वह चूक जाते हैं, तो बल्लेबाजों के पास हिट करने का मौका होता है। इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन सभी बल्लेबाज इसे (स्कूप) खेलने में सहज नहीं होते हैं। अगर यह स्वाभाविक रूप से आता है, तो निश्चित रूप से। अगर नहीं, तो यह मुश्किल हो जाता है। यह कुछ ऐसा है जिसे आपको नए युग में अभ्यास करने की आवश्यकता है। हमारे अधिकांश बल्लेबाज पैडल शॉट नहीं खेलते हैं। जड्डू इसे खेलते हैं, लेकिन वह मैदान पर अधिक सहज हैं, इसलिए वह अपनी ताकत का समर्थन कर रहे थे।’
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