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शादी टूटने के गम को ‘ताकत’ बनाकर कोमल गणात्रा बनीं IAS, ताना मारने वाले भी देते हैं अब मिसाल

शादी टूटने के गम को ‘ताकत’ बनाकर कोमल गणात्रा बनीं Ias, ताना मारने वाले भी देते हैं अब मिसाल

नई दिल्ली। किसी अपने से साथ छूटने पर इंसान टूट जाता है। ऐसा ही कुछ कोमल गणात्रा के साथ हुआ। पति ने विवा​ह के महज 15 दिन बाद ही उसे छोड़ दिया। फिर कोमल ने हालात से हारने की बजाय लड़ने की ठानी। रास्ता कठीन था। मुश्किलें बहुत थीं, मगर इरादे पक्के थे। हौसला मजबूत था, क्योंकि उसने अपने गम को ही ताकत बना लिया था। फिर कोमल ने 591वीं रैंक हासिल कर आईआरएस बन अपने राज्य का नाम रोशन किया।

जानिए कौन हैं कोमल गणात्रा

कोमल गणात्रा मूलरूप से गुजरात के अमरेली जिले की रहने वाली हैं। अमरेली के सावरकुंडला में 1982 को इनका जन्म हुआ। कोमल की पढ़ाई गुजराती मीडियम में हुई। गुजराती लिटरेचर में ये टॉपर भी रहीं। इन्होंने ओपन यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। ये तीन भाषाओं में अलग-अलग यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट हैं। वर्तमान में आईआरएस हैं।

26 साल की उम्र में कोमल गणात्रा की शादी एनआरआई लड़के शैलेष से हुई। न्यूजीलैंड रहने वाले शैलेष से कोमल की शादी काफी चर्चा में रही थी। विदेश में घर बसाने को लेकर घर-परिवार के लोगों और खुद कोमल ने कई सपने देखे थे, मगर शादी के महज 15 दिन बाद ही सारे ख्वाब टूट गए।

पति के खातिर सरकारी नौकरी का मौका छोड़ा

साल 2008 में कोमल की जिंदगी दो घटना एक साथ हुई। उसी साल कोमल ने गुजरात लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास की और उसी समय एनआरआई शैलेष उनकी जिंदगी में आया। वो चाहता था कि कोमल गुजरात में सरकारी नौकरी करने की बजाय उसके साथ शादी के बाद न्यूजीलैंड में रहे।

कोमल उस समय शैलेष से प्यार करती थी। ऐसें में कोमल ने उसकी बात मानी और गुजरात लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने के बाद साक्षात्मकार में हिस्सा नहीं लिया और सरकारी नौकरी का मौका छोड़ दिया।

15 दिन में बदल गया पति

2008 में कोमल की शादी हुई। शादी के महज 15 ही दिन बाद ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करके घर से निकाल दिया। शैलेष न्यूजीलैंड चला गया और फिर कभी कोई सम्पर्क नहीं किया। कोमल ने न्यूजीलैंड सरकार से भी पति को तलाशने की गुहार लगाई। निराशा हाथ लगने के बाद कोमल अपने मायके सावरकुंडला आ गई।

अपने माता-पिता के साथ रहने लगी। लोग ताने भी खूब मारते थे। 15 दिन में ही शादी का टूट जाने और फिर ससुराल से आकर मायके में रहना तथा लोगों के ताने सुनने से कोमल टूट चुकी थी। इसलिए अपने गृहनगर से चालीस किलोमीटर दूर एक गांव में आकर रहने लगी। यहां रहते हुए कोमल ने अपने इसी दुख दर्द को ताकत बनाने की ठानी और फिर से किताबों से दोस्ती की। फिर से प्रतियो​गी परीक्षा की तैयारियों में जुट गई।

शादी ही सबकुछ नहीं होती

मीडिया से बातचीत में कोमल ने एक इंटरव्यू में कहा ‘ हम सोचते हैं कि शादी हमें परिपूर्ण बनाती है’. मैं भी ऐसा ही सोचती थी, जब तक मेरी शादी नहीं हुई थी। पति के छोड़कर चले जाने के बाद मुझे समझ आ गया था कि जीवन में एक लड़की के लिए शादी ही सबकुछ नहीं है। उसका जीवन इससे भी आगे हैं। पति के छोड़ने के बाद कोमल अपने माता-पिता और ससुराल से दूर एक ऐसे गांव में जाकर रहने लगी थीं।

जहां न तो इंटरनेट था और न ही मैग्‍जीन और न अंग्रेजी अखबार, लेकिन फिर भी उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी जारी रखी। वहां एक निजी स्कूल में पढ़ाने लगी। यूपीएससी की तैयारी के दौरान भी कोमल ने एक भी छुट्टी नहीं ली थी। मेंस परीक्षा के दौरान वह मुंबई परीक्षा देने जातीं। रातभर ट्रेन में बैठकर मुंबई जाती और रविवार शाम‍ को गांव वापस आती। फ‍िर सोमवार से स्‍कूल जाती।

591वीं रैंक हासिल कर आईआरएस बनीं कोमल

तीन बार की असफलताएं कोमल का हौसल नहीं तोड़ सकी और यूपीएससी वर्ष 2012 की परीक्षा में 591वीं रैंक हासिल कर आईआरएस बनने में सफल हुईं। वर्तमान में रक्षा मंत्रलालय नई दिल्ली में एडमिनिस्‍ट्रेट‍िव ऑफिसर की हैसियत से काम कर रही हैं। पहली शादी टूटनेक बाद आईआरएस बनने तक का सफर तय करने वाली कोमल गणात्रा ने दूसरी शादी की। वर्तमान में कोमल एक बच्ची की मां भी है।

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