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प्रेरणा: पिता बनना चाहते थे IAS ऑफिसर मगर नहीं बन पाए, तो बेटी ने IAS बन पूरा किया सपना

Ias ऑफिसर

हर माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा इसीलिए देते हैं कि उनके बच्चे वो गलती न करें जो उनके माता-पिता से अपने समय में हुई हो और उस वजह से वो अपना सपना पूरा नही कर पाए. कुछ इसी तरह का वाकय़ा उत्तरप्रदेश का है, जहां एक बेटी IAS बनकर न केवल खूद का सपना पूरा किया बल्कि अपने पिता का भी सपना साकार किया जो खूद अपने समय में IAS ऑफिसर बनना चाहते थे.

वैसे भी ऐसा माना जाता है कि बेटियां बेटों से कम नहीं होती बल्कि उनसे तेज ही होतीं हैं और अगर बेटियों को मौका दिया जाए तो वो भी अपने माता-पिता का नाम रोशन कर सकती हैं, उनके सपनो को साकार कर सकती हैं. आज हम आपको एक ऐसी ही बेटी के बारें में बताएँगे जिसने IAS ऑफिसर अपने माअपने पिता के सपने को साकार कर दिया है..

IAS ऑफिसर साक्षी की सफलता की कहानी

ये कहानी उत्तरप्रदेश के रॉबर्टगंज में रहने वाली साक्षी की है, जिसने आईएएस (IAS) की परीक्षा पास कर अपने पिता के सपने को साकार कर दिया है. साक्षी हमेशा से ही पढ़ाई में एक होशियार लड़की रही हैं और अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई रॉबर्टगंज में रखकर ही पूरी की थी. वहीं साक्षी ने हाईस्कूल में 76% और इंटर में 81.4% मार्क्स हासिल किए थे. इसके अलावा साक्षी ने बीएड(B.ED) की डिग्री भी रॉबर्टगंज के राजकीय महिला महाविद्यालय से हासिल की थी. जहां उन्होंने अपनी इंटर की परीक्षाए देने के बाद यूपीएससी(UPSC) की तैयारी करने का मन बना लिया था.

ऐसा माना जाता है कि उन्होंने 12वीं क्लास पास करने के बाद ही यूपीएससी(UPSC) की तैयारी करने की ठान ली थी, लेकिन रॉबर्टगंज में अच्छी कम्पटीशन की तैयारी के लिए कुछ ज्यादा ऑप्शन नहीं थे, जिसके कारण साक्षी को ग्रेजुएशन तक का इंतजार करना पड़ा था. जिसके कम्पलीट होने के बाद साक्षी ने यूपीएससी की तैयारी दिल्ली से करने का मन बनाया और ये बात उन्होंने अपने पिताजी को बताई और इसमें उनके पिता ने पूरी तरह से साथ दिया. साक्षी के पिता पेशे से एक बिजनेसमैन हैं और उनकी माँ हाउसवाइफ हैं.

पिता का सपना किया साकार

साक्षी के पिता बताते हैं कि उनका सपना भी IAS ऑफिसर बनना था मगर कुछ निजी कारणों के कारण वो अपना सपना पूरा नहीं कर पाए, लेकिन जब उनको ये पता चला कि उनकी बेटी आईएएस ऑफिसर बनना चाहती है, तो उन्होंने अपनी बेटी को पूरा सपोर्ट किया और साक्षी को मानसिक रूप से भी मजबूत किया. देखा जाए तो साक्षी के पिता ने साक्षी को हर कदम पर पूरा सपोर्ट किया.

साक्षी ने भी अपना और अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत की और विश्वास के साथ आगे बढ़ती चली गई और एक दिन आईएएस (IAS) परीक्षा पास कर अपने पिता के अधूरे सपने को पूरा किया और साथ ही सफलता की ये कहानी उन बेटियों से लिए एक प्रेरणा है जो पढ़ लिखकर अपने जीवन में आगे बढ़ना चाहती हैं अपने माता पिता के सपने को पूरा करना चाहती हैं.

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