नई दिल्ली: भारत-चीन विवाद के बीच भारतीय प्रधानमंत्री ने अपने जेम्स बॉन्ड को काफी पहले उतार दिया था, जिसका असर अब देखने को भी मिल रहा है। भारत-चीन विवाद के बीच इसी के चलते अब टकराव कम होने की स्थिति आ गई है ये जेम्स बॉन्ड कोई और नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल है। जो लंबे समय से इस मामले पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए थे।
बातचीत की टेबल पर डोभाल
भारत-चीन विवाद के बीच बातचीत की मुख्य टेबल अजीत डोभाल ने ही संभाली और वो ल़बे वक्त से इस पूरे मामले को देख रहे थे और इसी बीच रविवार को उन्होंने अपने समकक्ष वांग यी से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मुद्दे पर दो घंटे की लंबी चर्चा की और नतीजा सकारात्मक रहा है चीन अपने रुख में नरमी दिखा रहा।
पीछे हटने पर बनी सहमति
एनएसए अजीत डोभाल ने भारत-चीन विवाद पर वांग यी के साथ बातचीत में तमाम मुद्दों को उठाया। लद्दाख की सीमा पर दोनों पक्षों के सैनिकों के हटने के पीछे की वजह यही बातचीत बताई जा रही है। डोभाल की बातचीत के बाद चीन ने गलवान घाटी में संघर्ष वाली जगह से 1.5 किलोमीटर अपने सैनिकों को पीछे हटा लिया है।
दोबारा न हो विवाद
भारत-चीन विवाद के बीच गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प दोनों ही सेनाओं खे लिए क्षति की तरह ही भारत के 20 जवान शहीद हुए तो वहीं चीन ने तो अपने सैनिकों के मरने की कोई खबर तक नहीं दी। इसको लेकर भी रविवार को चर्चा हुई कि जो स्थिति गलवान में बन गई है वो दोबारा न बनने पाए और क्षेत्र में शांति और सौहार्द का कायम रहे।
चरणबद्ध होगी प्रक्रिया
भारत-चीन विवाद की जड़ चीनी सेना का जरूरत से ज्यादा एलएसी के करीब आना था। इसको लेकर भी दोनों में सहमति बनी कि जितनी जल्दी सेनाएं पीछे हटेगी उतनु जल्दी शान्ति कायम होगी। भारत और चीन की सेना LAC से डेढ़ किलोमीटर पीछे हटने पर राजी हो गईं है जो कि चरण बद्ध तरीके से पीछे जाने की प्रक्रिया को अंजाम देंगी।
भारत के आगे झुका चीन
आपको बता दें कि भारत-चीन विवाद में गलवान घाटी की हिंसक झड़प भारत को रास नहीं आई जिसमें भारत के जवानों की शहादत के बाद भारत सरकार ने बेहद सख्त रुख अख्तियार कर लिया है इसी के चलते भारत सरकार ने आर्थिक से लेकर सॉफ्टवेयर के मोर्चे पर चीन को ब्लॉक करने की शुरुआत कर दी थी और इसने चीन को झुकने पर मजबूर कर दिया चीन की कंपनियों को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट तक भारत सरकार ने रद्द किए हैं।