नईदिल्ली: भारत सरकार भारत-चीन विवाद के बीच चीन को सैन्य मोर्चे के अलावा आर्थिक मोर्चे पर झटका दे रही है। भारत सरकार लगातार ऐसे फैसले ले रही है जो ची़न को परेशान कर रहे हैं। इसको ले चीन बयान भी दे रहा है। हाल ही में अब भारतीय कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने एक बड़ा ऐलान करते हुई चींई कंपनियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
कैंसिल होंगे ये टेंडर
भारत-चीन विवाद के बीच नितिन गडकरी ने ऐलान किया है कि चीनी कंपनियों को भारत में दिए गए सड़क और हाई-वे निर्माण के कामों से हटाया जाएगा और सभी टैंडरों को निरस्त किया जाएगा। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि MSME सेक्टर में चाइनीज इन्वेस्टर्स को मौका नहीं दिया जाएगा।
बनाई जाएगी नई नीतियां
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भारत-चीन विवाद के बीच बनी विषम परिस्थितियों को लेकर ऐलान किया कि बहुत जल्द देश में एक ऐसी नीति बनाई जाएगी जिसके अंतर्गत चाइनीज कंपनियों की एंट्री बंद होगी और भारतीय कंपनियों के लिए नियम आसान बनाए जाएंगे। इस नीति से भारतीय कंपनियों को पार्टिसिपेशन का ज्यादा मौका मिलेगा।
नहीं हो चाइनीज वेंचर
भारत-चीन विवाद के बीच चीन के खिलाफ आर्थिक मोर्चे पर सख्त हो रही मोदी सरकार के मंत्री ने कभा कि यदि किसी भारतीय कंपनी में चाइनीज वेंचर या इन्वेस्टमेंट भी होगा तो सरकारी कामों में उस कंपनी को कोई टेंडर नहीं दिया जाएगा और स्वीकृत हो चुके टेंडर निरस्त होंगे।
जल्द होगी बैठक
गडकरी ने सरकार के फैसलों को लेकर कहा कि हमने तय किया है कि हाइवे प्रॉजेक्ट्स में भारतीय कंपनियों को बेहतर मौका मिले, इसके लिए नियम आसान किए गए हैं। इसके लिए हाइवे सक्रेटरी और NHAI की एक संयुक्त बैठक होगी, जिसमें टेंडर को लेकर टेक्निकल और फाइनैंशियल नॉर्म्स आसान किए जाने पर चर्चा होगी।
विदेशी कंपनियों का सहारा नहीं
भारत-चीन विवाद के बीच बढ़ती कड़वाहट के चलते मोदी सरकार के मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा सभी नियम इस तरह बनाए जाएंगे कि भारतीय कंपनियों को टेंडर हासिल करने के लिए विदेशी कंपनियों का सहारा नहीं लेना पड़े और इससे हमारा अधिक फायदा होगा।