हर इसान जीवन में खूद की एक अलग पहचान बनाना चाहता है. मगर कई बार कुदरत उसके इ पहचान के काबिल नही बनाती लेकिन फिर भी खई लोग हार नहीं मानते और अपनी कमजोरी को ताकत बनाते हुए कामयाब हो जाते हैं. एक ऐसी ही कहानी हरविंदर कौर की है जो हरियाणा की रहने वाली हैं और अब वो अपनी वकालत पूरी करने के बाद एडवोकेट भी बन चुकी हैं.
लेकिन उन्हें इस मंजिल तक पहुंचने में काफी लोगों से ताने सुनने पड़े और इस हद तक सुनने पड़े की हरविंदर ने मरने तक का फैसला कर लिया था. दरअसल, हरविंदर कद काठी 7-8 साल के बच्चे की उम्र के सामन ही है और सिर्फ उनकी छोटी हाइट की वजह से उन्हें कई बार अपने करियर में असफलता के साथ-साथ ताने भी सुनने को मिले हैं, लेकिन इन सब के बावजूद उन्होंने सफलता की मंजिल जरूर हासिल की है.
एयर होस्टेस बनना चाहती थीं हरविंदर कौर
हरियाणा में रामामंडी की रहने वाली 24 वर्षीय हरविंदर कौर उर्फ रुबी की हाइट महज़ 3 फुट 11 इंच है. ऐसा माना जाता है कि जब वे बहुत छोटी थी, तभी से उन्होंने एयर होस्टेस बनने का सपना देखा था. लेकिन उनकी हाइट कम होने की वज़ह से एयर होस्टेस बनने का उनका सपना अधूरा रह गया और इसीलिए उन्होनें फिर एयर होस्टेस बनने के बारे में सोचना छोड़ दिया था. इतना ही नहीं हरविंदर का कद छोटा होने की वज़ह से अक्सर लोग उनका मज़ाक भी उड़ाया करते थे और बहुत तरह के ताने भी देते थे.
इन तानों से वो बहुत परेशान हो जाती थी. जिससे कई बार तो उनके मन में मरने के बुरे ख्याल भी आते थे. उन्हें लगा जैसे उनकी ज़िन्दगी बोझ बन गई है. लेकिन फिर हरविंदर ने धीरे-धीरे इन सब तानों को नजरअंदाज करना शुरू किया. जिसके बाद उन्होंने 12वीं क्लास पुरी करने के बाद वकालत करने का सपना देखा और एक वकालत के कॉलेज में एडमिशन लिया, फिर खूद सब हालातों में और उनके जीवन में परिवर्तन आने लगे और वे पॉजीटिव होती गईं.
कई बार लोग अब भी बच्ची समझ लेते हैं
हरविंदर कौर की माने तों अब भी उन्हें बहुत बार लोग बच्ची समझ लेते हैं. ऐसा ही एक वाकया बताते हुए वह कहती हैं कि एक बार तो जब वे कोर्ट रुम गईं तो रीडर सर ने उनसे कहा कि कोर्ट में वकील की ड्रैस पहना कर बच्चे को क्यों लेकर आए हो, इस पर उनके एक साथी वकील ने कहा कि वह भी वकील हैं, जिसके बाद बहुत से लोग उन्हें अब भी बच्चा समझ कर टॉफी और चॉकलेट दे दिया करते हैं.
इन सभी परेशानियों को टालते हुए हरविंदर कौर ने अपनी इस कमजोरी को ताकत बनाया और समाज की परवाह ना करते हुए अपनी मंज़िल की ओर बढ़ती गईं. इस तरह से वे देश की सबसे छोटे कद की वकील बन गई हैं और अब जज बनने की तैयारी भी कर रहीं हैं.