इंडियन प्रीमियर लीग का 15 वां सीजन अब से चंद दिनों में शुरू होने वाला है। इस सीजन के शुरू होने से पहले बीसीसीआई ने बैंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी में सभी नॉन टेस्ट खिलाड़ियों का यो-यो टेस्ट कराया गया। इस टेस्ट के बाद दिल्ली कैपिटल्स को करारा झटका लगा, तो वहीं गुजरात टाइटंस की बल्ले-बल्ले हो गई। दरअसल इस टेस्ट में Delhi Capitals टीम के ओपनर पृथ्वी शॉ फेल हो गए जबकि गुजरात टीम के खिलाड़ी हार्दिक पांड्या को टेस्ट में सफलता मिली। आइये जानते है इस टेस्ट के बारे में विस्तार से।
Delhi Capitals को तगड़ा झटका, यो-यो टेस्ट में फेल हुए पृथ्वी शॉ
दरअसल हाल ही में बीसीसीआई ने नॉन टेस्ट खिलाड़ियों की फिटनेस को देखने के लिए बैंगलुरू स्थित नेशनल क्रिकेट अकादमी में आईपीएल 2022 में खेलने वाले खिलाड़ियों के लिए यो-यो टेस्ट करवाया। इस टेस्ट के बाद Delhi Capitals को तगड़ा झटका लगा है, दरअसल दिल्ली टीम के तूफानी ओपनर बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाए, जिसकी वजह से टीम को बड़ा झटका लगा है।
इसके साथ ही एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw)की फिटनेस एक कारण है जिससे कि उन्हें सीनियर टीम में चयन कि लिए कंसीडर नहीं किया जाता है। पृथ्वी ने भारत के लिए श्रीलंका दौरे पर आखिरी बार खेला था जब टीम के कप्तान शिखर धवन थे। उन्होंने भारतीय टीम के साथ साउथ अफ्रीका का दौरा किया था, लेकिन इसके बाद भी उन्हें नेशनल टीम में शामिल नहीं किया गया।
वहीं एक सूत्र ने पीटीआई को बताया कि पृथ्वी के नाम पर बार-बार विचार नहीं किया जाता है क्योंकि उनकी फिटनेस मानकों के अनुरूप नहीं है जैसा कि टीम इंडिया के खिलाड़ी से अपेक्षित है। हालांकि शॉ के फिटनेस रिजल्ट का आइपीएल में उनके भाग लेने पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और उन्हें इस टी20 लीग में हिस्सा लेने की अनुमति है।
इस टेस्ट में पास नहीं होने के बाद भी पृथ्वी शॉ दिल्ली के लिए इस सीजन में डेविड वार्नर के साथ पारी की शुरुआत करते हुए नजर आ सकते हैं। हालांकि वार्नर शुरुआती कुछ मैचों के बाद चयन के लिए उपलब्ध होंगे।
हार्दिक पांड्या को यो-यो टेस्ट में मिली सफलता
वहीं इस यो-यो टेस्ट Delhi Capitals को जहां झटका लगा तो वहीं गुजरात टाइटंस काफी खुश नजर आ रही है। दरअसल गुजरात टीम के कप्तान हार्दिक पंड्या (Hardik Pandya) के लिए ये फिटनेस टेस्ट काफी ज्यादा ही अहम माना जा रहा था। क्योंकि बीसीसीआई ने पहले से ही साफ कर दिया था, कि उन्हें आईपीएल में खेलने के लिए यो-यो टेस्ट पास करना होगा। वहीं इस टेस्ट में उन्होंने सफलता हासिल करने के साथ ही अपनी फिटनेस को साबित कर दिया है।
क्या होता है यो-यो टेस्ट?
बता दें यो-यो टेस्ट खिलाड़ियों की फिटनेस को परखने के लिए करवाया जाता है। इसके कुल 23 लेवल होते हैं, लेकिन खिलाड़ियों के लिए इसकी शुरुआत 5वें लेवल से होती है। ये पूरी प्रक्रिया सॉफ्टवेयर पर आधारित है, जिसमें नतीजे रिकॉर्ड किए जाते हैं। टेस्ट के लिए कई ‘कोन’ की मदद से 20 मीटर की दूरी पर दो पंक्तियां बनाई जाती हैं। इसमें खिलाड़ी को एक कोन से दूसरे कोन तक दौड़ना होता है। यहां से फिर दूसरे कोन से पहले कोन की तरफ वापस दौड़कर आना होता है। इसे एक शटल कहते हैं। इसके लिए एक तय समय होता है।
खिलाड़ी लगातार दो लाइनों के बीच दौड़ता है और जब बीप बजती है तो उसने मुड़ना होता है। जैसे-जैसे टेस्ट का लेवल बढ़ता है, उसी तरह रनिंग की दूरी वही रहती है, लेकिन समय कम होता जाता है। इसी तरह से तेजी बढ़ती जाती है। अगर समय पर रेखा तक नहीं पहुंचे तो दो और ‘बीप’ के अंतर्गत तेजी पकड़नी पड़ती है। यदि प्लेयर रनिंग में तेजी हासिल नहीं कर पाता है तो टेस्ट रोक दिया जाता है। लिहाजा अब तक कोई भी इसके अंतिम यानी 23वें लेवल को पार नहीं कर पाया है।